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कैसे हो शुद्ध जलापूर्ति

locationरायपुरPublished: Oct 03, 2018 07:12:17 pm

Submitted by:

Gulal Verma

क्षतिग्रस्त पाइप लाइन के जरिए गंदा पानी या सीवरेज जल क्षतिग्रस्त स्थानों से पाइप लाइन में प्रवेश कर जाता है

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कैसे हो शुद्ध जलापूर्ति

छत्तीसगढ़ की न्यायधानी में शुमार बिलासपुर सहित प्रमुख शहरों में पेयजल आपूर्ति के लिए बिछाई गई पाइप लाइन अधिकतर स्थानों पर गंदे नालों व सीवरेज से होकर गई हैं। इससे नागरिकों को शुद्ध पेयजल नहीं मिल पा रहा है। दूषित जल पीने से लोग तमाम तरह की संक्रामक बीमारियों के शिकार हो रहे हैं, लेकिन शासन-प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा इस दिशा में कोई सार्थक पहल नहीं की जा रही है। गंदे नालों व सीवरेज से होकर गई पेयजल की पाइप लाइन अधिकतर स्थानों पर क्षतिग्रस्त है। टूट-फूट गई हैं। जिस समय पानी की सप्लाई की जाती है 10 से 15 मिनट तक लोगों की पेयजल टोंटियों से सीवर या गंदा पानी ही निकलता है। इसका प्रमुख कारण यह है कि जब पेयजलापूर्ति बंद रहती है उस समय क्षतिग्रस्त पाइप लाइन के जरिए गंदा पानी या सीवरेज जल क्षतिग्रस्त स्थानों से पाइप लाइन में प्रवेश कर जाता है और जब सप्लाई शुरू होती है तो पेयजल के साथ ही लोगों के घरों तक गंदा पानी भी पहुंचने लगता है।
इस संबंध में नागरिकों द्वारा नगर निगम प्रशासन से कई बार शिकायत की जाती है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों के कानों पर जूं नहीं रेंगती। पेयजल की पाइप लाइन शहरों व कस्बों में गंदे नालों व सीवरेज से गुजारी गई हैं, बावजूद इससे इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इस बाबत डॉक्टरों का भी कहना है कि शुद्ध जलापूर्ति के लिए अलग से पाइप लाइन बिछाई जानी चाहिए, ताकि संक्रामक बीमारियों से लोग बच सकें।
बहरहाल, प्रदेश सरकार को नागरिकों की इस विकट समस्या के समाधान की दिशा में कारगर पहल करनी चाहिए। शुद्ध पेयजल को लेकर जनभावनाओं के साथ किसी भी प्रकार का खिलवाड़ नहीं होना चाहिए। सीवरेज या गंदे नालों से पेयजल की पाइप लाइन का गुजारना न तो मानवीय दृृष्टि से उचित है और न ही स्वास्थ्यगत दृृष्टि से।
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