ज्योतिष वास्तु शास्त्री डॉ विनीत शर्मा शर्मा ने बताया कि तर्पण, श्राद्ध तिथि वार करने का विधान है। भादो शुक्लपक्ष की पूर्णिमा श्राद्ध पर्व के साथ शुरू होगा। अश्विन कृष्णपक्ष में पितृमोक्ष अमावस्या तक पितरों का श्राद्ध पर्व मनाया जाता है।
लोग अपने पितरों का तर्पण, पिंडदान करने के लिए प्रयागराज और गया धाम के लिए निकलेंगे। राजधानी में महादेवघाट और राजिम त्रिवेणी संगम सहित तालाबों में डुबकी लगाकर पितरों का तर्पण, पिंडदान कर श्रद्धा अर्पित करेंगे। परिजनों और पूर्वजों की मृत तारीख के अनुसार लोग श्रद्धाभाव और आत्मशांति के लिए प्रार्थना करेंगे।
गायत्री शक्तिपीठ में सामूहिक आयोजन
इस कोरोनाकाल में बहुतों ने अपने परिजनों को खोया है। उनकी आत्म शांति के लिए प्रार्थना करेंगे। गायत्री शक्तिपीठ समता कॉलोनी के ट्रस्टियों द्वारा सामूहिक श्रद्धा, पिंडदान करने की व्यवस्था करने जा रहे हैं। श्राद्धपक्ष और शारदीय नवरात्रि पर्व के लिए रविवार को समता कॉलोनी शक्तिपीठ में बैठक हुई। गायत्री परिजनों का पंजीयन कर विधिपूर्वक सामूहिक तर्पण और पिंडदान कार्यक्रम संपन्न कराने का निर्णय ट्रस्टियों ने लिया