हिन्दू धर्म में श्राद्ध पक्ष का बड़ा महत्व
हिन्दू धर्म में श्राद्ध पक्ष का बड़ा महत्व (Pitru Paksha Amavasya 2020 Importance) है। प्राचीन सनातन धर्म के अनुसार हमारे पूर्वज देवतुल्य हैं और उन्होंने हमारा उन्होंने हमारा लालन-पालन जिस प्रकार किया है, उसके हम कृतार्थ और ऋणी हैं। समर्पण और कृतज्ञता की इसी भावना से श्राद्ध पक्ष प्रेरित है, जो परिजनों को पितर ऋण से मुक्ति मार्ग दिखाता है।
श्राद्ध करने के परिवार में आती है सुख व शांति
गायत्री मंदिर के परिव्राजक नरेंद्र आडिल और कार्यकर्ता कोमल साहू ने बताया कि गरूड़ पुराण में वर्णित पितर ऋण मुक्ति…समयानुसार श्राद्ध करने से परिवार में कोई दुखी नहीं रहता। पितरों की पूजा करके मनुष्य आयु, पुत्र यश, स्वर्ग, कीर्ति, पुष्टि, बल, श्री, पशु, सुख और धन-धान्य प्राप्त करता है। देवकार्य से भी पितृकार्य का विशेष महत्व है।
एक कुंडलीय गायत्री महायज्ञ का आयोजन
पितरों आत्माओं की तृप्ति के लिए सामूहिक श्राद्ध तर्पण और एक कुंडलीय गायत्री महायज्ञ का आयोजन किया जाता है । इस कार्यक्रम में सर्वप्रथम सामूहिक मंत्र जाप और प्रार्थना की जाती है। देव पूजन के पश्चात श्राद्ध-तर्पण सामूहिक रूप से किया जाता है। सभी लोगों के द्वारा अपने पूर्वजों को तर्पण दिया जाता है और एक कुण्डीय गायत्री महायज्ञ में देश की एकता अखंडता अमन चैन एवं राष्ट्र भावना जागृत करने के लिए आहुति दी जाती है।