बिक्री के लिए प्रत्येक केन्द्रों में टोकन काउंटर खोल दिए गए हैं। कोरोना संक्रमण को देखते हुए भीड एकत्रित ना हो इसका विशेष ध्यान रखने को कहा गया है। समितियों की तौल क्षमता के अनुरूप ही दिनवार टोकन जारी किया जाएगा। किसानों को टोकन होने पर ही उपार्जन कंेद्रों में एंट्री दी जाएगी। बिना मास्क के सभी का प्रवेश वर्जित रहेगा। कंेद्रों में सेनेटाइजर और हाथ धोने की पर्याप्त व्यवस्था रखी जाएगी। जागरुकता के लिए केंद्रों में बैनर पोस्टर भी लगाए जाएंगे।
विवरण सूचीबद्ध
केंद्रों में भीड़ को देखते हुए समितियों में किसानों के विवरण को दर्ज कर सूचीबद्ध कर लिया था। अब इसी आधार पर ही टोकन वितरित किया जा रहा है। इसके साथ ही जिले के लगभग सभी खरीदी केंद्रों में पर्याप्त बारदाना उपलब्ध करा दिया गया है। जिला विपणन अधिकारी पीएल चंद्राकर ने इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि फिलहाल बारदाने की कोई समस्या नहीं है तथा आने वाले दिनों में प्लास्टिक बोरा समितियों में वितरित किया जाएगा।
केंद्रों में भीड़ को देखते हुए समितियों में किसानों के विवरण को दर्ज कर सूचीबद्ध कर लिया था। अब इसी आधार पर ही टोकन वितरित किया जा रहा है। इसके साथ ही जिले के लगभग सभी खरीदी केंद्रों में पर्याप्त बारदाना उपलब्ध करा दिया गया है। जिला विपणन अधिकारी पीएल चंद्राकर ने इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि फिलहाल बारदाने की कोई समस्या नहीं है तथा आने वाले दिनों में प्लास्टिक बोरा समितियों में वितरित किया जाएगा।
मौसम बदलने से फिर राहत
बीते दो दिनों तक मौसम में आई खराबी के चलते धान मिंजाई का काम रूक गया था। मौसम खुलने के बाद कार्य में फिर से प्रगति आ गई है। धूप निकलने के बाद खेत में कटे धान का किसान उठाव कर रहे हैं। दो दिन से मौसम अब बेहतर हो चुका है।
बीते दो दिनों तक मौसम में आई खराबी के चलते धान मिंजाई का काम रूक गया था। मौसम खुलने के बाद कार्य में फिर से प्रगति आ गई है। धूप निकलने के बाद खेत में कटे धान का किसान उठाव कर रहे हैं। दो दिन से मौसम अब बेहतर हो चुका है।
केंद्रों में वृद्धि, मिलेगी सुविधा
जिले में धान उपार्जन केन्द्रों की संख्या बढ़ गई है। नये केंद्रो के बढऩे से किसानों को अब तक लंबी दूरी तय करने की समस्या से निजात मिलेगी। केंद्र के अलावा समितियों में वृद्धि से टोकन कटाने के लिए भी आसानी होगी।
जिले में धान उपार्जन केन्द्रों की संख्या बढ़ गई है। नये केंद्रो के बढऩे से किसानों को अब तक लंबी दूरी तय करने की समस्या से निजात मिलेगी। केंद्र के अलावा समितियों में वृद्धि से टोकन कटाने के लिए भी आसानी होगी।