722 में से केवल 36 प्रोजेक्ट पूरे
ग्रामीण विकास मंत्रालय की रिपोर्ट बताती है कि छत्तीसगढ़ में पहले चरण में 16 ग्राम पंचायतों में 1729 परियोजनाओं की योजना बनाई गई थी। लेकिन इसमें 11,97 परियोजनाएं ही पूरी हो पाई ग्रामीण विकास मंत्रालय की 2017-18 की प्रगति रिपोर्ट बताती है कि अभी भी 271 परियोजनाओं पर काम चल रहा है। वहीं कुल 261 परियोजनाओं पर काम शुरू ही नहीं हो सका है।सांसद निधि के केवल 54 फीसदी प्रोजेक्ट पूरे
सांसद ग्राम विकास योजना के अंतर्गत सांसदों को अलग से कोई धन आवंटित नहीं होता है। ग्रामीण विकास मंत्रालय सांसदों को दी जाने वाली सांसद निधि के साथ साथ सीएसआर फंड के इस्तेमाल को बढ़ावा देने की बात करता है। अगर छत्तीसगढ़ के लोकसभा सांसदों को दी जाने वाली निधि का अवलोकन करें, तो पता चलता है कि 21 अगस्त तक सांसदों को सांसद निधि के तहत 97.50 करोड़ रुपये का फंड दिया गया था जबकि 84.43 लाख रूपए खर्च किये जा चुके थे।
सांसदों के पास फंड का है रोना
छत्तीसगढ़ से चुने गए लोकसभा के 11 सांसदों में से कांग्रेस का केवल एक सांसद है। आंकड़ों से पता चलता है कि राज्य के आठ सांसदों ने आवंटित निधि का 50 फीसदी से कम हिस्सा खर्च किया है। कांग्रेस विधायक ताम्रध्वज साहू कहते हैं कि हमारी लोकसभा सीट में 9 विधानसभा सीटें है यही हाल रमेश बैस जी का है। एक संसदीय सीट में तकरीबन 1600 गांव आते हैं अगर हम एक ही गांव पर सांसद निधि का पैसा खर्च कर देंगे तो बाकी गांवों का क्या होगा? जब उनसे पूछा जाता है कि आपने तीसरे चरण में कोई गांव क्यों नहीं चुना। तो वो कहते हैं कि जब दूसरे चरण का ही काम शुरू नहीं हो पाया तो तीसरे चरण का गांव कैसे चुनुं? कमोवेश सभी सांसदों की यही समस्या है कि ग्राम्य विकास योजना के लिए अलग से कोई निधि नहीं है।
रमेश बैस, सांसद रायपुर जब तक इस योजना के लिए अलग से फंड नहीं होगा, यह योजना सफल नहीं हो सकती।
ताम्रध्वज साहू, सांसद कांग्रेस