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PM मोदी की ये बड़ी योजना प्रदेश में हुआ फ्लाप, अब तक सिर्फ 5 फीसदी हुआ काम

locationरायपुरPublished: Aug 22, 2018 05:14:35 pm

PM मोदी की ये बड़ी योजना प्रदेश में हुआ फ्लाप, अब तक सिर्फ 5 फीसदी काम ही हुआ

Chhattisgarh State

PM मोदी की ये बड़ी योजना प्रदेश में हुआ फ्लाप, अब तक सिर्फ 5 फीसदी हुआ काम

आवेश तिवारी@रायपुर. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू की गई सांसद ग्राम विकास योजना छत्तीसगढ़ में बुरी तरह से फ्लाप साबित हुई है। ग्रामीण विकास मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इस योजना के दूसरे चरण में सांसदों द्वारा चुनी गई 16 ग्राम पंचायतों में बमुश्किल से पांच फीसदी प्रोजेक्ट ही पूरे हो पाए हैं।
वही, तीसरे चरण के लिए केवल पांच ग्राम पंचायतें ही चुनी गई। स्थिति इस हद तक खराब है कि प्रथम चरण के ही लगभग 15 फीसदी परियोजनाओं पर अभी काम ही शुरू नहीं हो सका है जबकि पहले फेज का काम 2016 में ही पूरा हो जाना था। इस योजना के तहत फेज-2 और फेज-3 के अंतर्गत प्रत्येक सांसद को दो और ग्राम पंचायतों का विकास करना था। गौरतलब है कि इस योजना के तहत देश की 2200 ग्राम पंचायतों को 2019 तक बिजली, पानी, सड़क और शिक्षा के क्षेत्र में पूरी तरह से आत्मनिर्भर बनाने की बात थी।

722 में से केवल 36 प्रोजेक्ट पूरे

ग्रामीण विकास मंत्रालय की रिपोर्ट बताती है कि छत्तीसगढ़ में पहले चरण में 16 ग्राम पंचायतों में 1729 परियोजनाओं की योजना बनाई गई थी। लेकिन इसमें 11,97 परियोजनाएं ही पूरी हो पाई ग्रामीण विकास मंत्रालय की 2017-18 की प्रगति रिपोर्ट बताती है कि अभी भी 271 परियोजनाओं पर काम चल रहा है। वहीं कुल 261 परियोजनाओं पर काम शुरू ही नहीं हो सका है।
सबसे बुरा हाल फेज दो का हुआ है। इस फेज में सांसदों द्वारा 16 ग्राम पंचायतों का चुनाव तो किया लेकिन केवल 12 ग्राम पंचायतें ही अपलोड की गई जिनमे कुल 722 परियोजनाओं की योजना बनाई गई, जिसमें से केवल 36 परियोजनाएं ही पूरी हो पाई। वहीं, 49 परियोजनाओं पर काम चल रहा है यानि कि दूसरे फेज में 637 परियोजनाओं पर काम ही शुरू नहीं हो सका, तीसरे चरण में चुनी गई पांच ग्राम पंचायतों के लिए कोई योजना ही नहीं बनाई गई।

सांसद निधि के केवल 54 फीसदी प्रोजेक्ट पूरे
सांसद ग्राम विकास योजना के अंतर्गत सांसदों को अलग से कोई धन आवंटित नहीं होता है। ग्रामीण विकास मंत्रालय सांसदों को दी जाने वाली सांसद निधि के साथ साथ सीएसआर फंड के इस्तेमाल को बढ़ावा देने की बात करता है। अगर छत्तीसगढ़ के लोकसभा सांसदों को दी जाने वाली निधि का अवलोकन करें, तो पता चलता है कि 21 अगस्त तक सांसदों को सांसद निधि के तहत 97.50 करोड़ रुपये का फंड दिया गया था जबकि 84.43 लाख रूपए खर्च किये जा चुके थे।

आंकड़े बताते हैं कि यह पैसे महज 3515 प्रोजेक्ट्स के लिए दिए गए थे जिनमे से केवल 1910 प्रोजेक्ट ही पूरे हुए हैं। इस स्थिति से साफ है कि सांसदों की निधि से छत्तीसगढ़ में ग्राम्य विकास योजना का एक बहुत छोटा सा हिस्सा ही पूरा किया गया है।

सांसदों के पास फंड का है रोना
छत्तीसगढ़ से चुने गए लोकसभा के 11 सांसदों में से कांग्रेस का केवल एक सांसद है। आंकड़ों से पता चलता है कि राज्य के आठ सांसदों ने आवंटित निधि का 50 फीसदी से कम हिस्सा खर्च किया है। कांग्रेस विधायक ताम्रध्वज साहू कहते हैं कि हमारी लोकसभा सीट में 9 विधानसभा सीटें है यही हाल रमेश बैस जी का है। एक संसदीय सीट में तकरीबन 1600 गांव आते हैं अगर हम एक ही गांव पर सांसद निधि का पैसा खर्च कर देंगे तो बाकी गांवों का क्या होगा? जब उनसे पूछा जाता है कि आपने तीसरे चरण में कोई गांव क्यों नहीं चुना। तो वो कहते हैं कि जब दूसरे चरण का ही काम शुरू नहीं हो पाया तो तीसरे चरण का गांव कैसे चुनुं? कमोवेश सभी सांसदों की यही समस्या है कि ग्राम्य विकास योजना के लिए अलग से कोई निधि नहीं है।

निस्संदेह काम न पूरा न होने के पीछे फंड की कमी एक वजह है, हमने कलक्टर को दूसरे चरण के काम पूरा होने के लिए लिखा है।
रमेश बैस, सांसद रायपुर

जब तक इस योजना के लिए अलग से फंड नहीं होगा, यह योजना सफल नहीं हो सकती।
ताम्रध्वज साहू, सांसद कांग्रेस

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