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पुलिस व आबकारी विभाग उदासीन, देर रात तक बिकती है शराब

locationरायपुरPublished: Sep 16, 2021 05:59:08 pm

Submitted by:

dharmendra ghidode

नियम कायदे ताक पर, हर गांव में ब्रांच के नाम अवैध रूप से शराब बिक्री का गोरखधंधा

खरोरा. सारागांव क्षेत्र में विभागीय अनदेखी का असर इस कदर हावी है कि ग्रामीण क्षेत्रों में शराब की अवैध दुकानें संचालित है, लेकिन किसी तरह की कार्रवाई नहीं हो रही। नतीजतन यहां खुले आम यह कारोबार चल रहा है।
सूत्रों की मानें तो नगर में सरकारी शराब दुकान होने के बावजूद क्षेत्र में शराब की अवैध दुकानें संचालित है। ऐसे में अवैध शराब की दुकानों पर आबकारी नियम-कायदे भी लागू नहीं हो रहे हैं। वहीं मनमर्जी से शराब बेची जा रही हैं। गांवों में अवैध ब्रांच के नाम से संचालित शराब की दुकानों की आबकारी विभाग की अनदेखी का असर आमजन पर भारी पड़ रहा है। गांवों में शराब की दुकान खुलने के बाद में आम लोग शाम ढलने के बाद शराबियों से परेशान हो रहे हैं।
गांवों में ब्रांच के नाम पर अवैध रूप से शराब बिक्री का गोरखधंधा फलफूल रहा है। इतना ही नहीं इस पर नजर रखने के लिए बनाई गई सर्विलेंस टीम भी बेमानी साबित हो रही है। यही वजह है कि सारागांव क्षेत्र में धड़ल्ले से करीब डेढ़ दर्जन से अधिक ब्रांच संचालित हो रही है, लेकिन आबकारी विभाग ने इस मामले में आंखें मूंद रखी है।
नगर परिक्षेत्र में अक्सर देखने को मिलता है कि छोटे छोटे कोचिये पर कार्रवाई कर महज खानापूर्ति कि जाती हैं तो वही बडो पर मेहरबानी कर संरक्षण भी आसानी से देखा जा सकता हैं। सफेद पोश का संरक्षण कहें या फिर प्रशासन की छूट इन सब गाँवों का माहौल खराब हो चुका हैं। गाँव क्षेत्र में बहुत कम उम्र में के बच्चे शराब के आदी हो रहें हैं।
कोचिए दुकानों से खरीदते है शराब, 12 घंटे खुलती है सरकारी दुकान
सरकारी शराब दुकान अपने नजदीकी क्षेत्र में बिना लाइसेंस दुकानें संचालित करते हैं। अवैध होने से इन दुकानों में नियम-कायदों का पालन नहीं किया जाता। यहां किसी भी समय शराब मिल जाती है। कई जगह तो अवैध ठेकेदार को दुकान से ज्यादा ब्रांच से कमाई मिलती है। अवैध कारोबार करने वाले अधिकतर माफिया सरकारी दुकानों से माल खरीदते हैं। लिहाजा आबकारी महकमा भी दुकान संचालकों के कहने पर इनकी ओर देखता तक नहीं। ब्रांच की आड़ में माफिया कमाई के लिए दूसरे प्रदेश की अवैध शराब भी बेच रहे है। इससे आबकारी महकमे को भी राजस्व का नुकसान हो रहा है। नगर के सरकारी शराब दुकान में भले ही 12 घंटे शराब उपलब्ध हो पर सारागांव क्षेत्र में आपको शराब 24 घंटे उपलब्ध मिलेगी और यहाँ धडल्ले से पीने पिलाने का दौर होटलों ढाबों में आसानी से देखा जा सकता हैं। जनप्रतिनिधियों ने इसकी शिकायत भी कर चुकी हैं पर समस्या का समाधान नहीं हुआ और इसके आसार भी नजर नहीं आता।

शराब की अवैध बिक्री करने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी, इसमें लिप्त लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।
प्रशांत अग्रवाल, पुलिस अधीक्षक रायपुर

शराब की अवैध बिक्री से गांव का माहौल खराब हो चुका है। कई बार इस विषय में संबंधित विभाग के जिम्मेदार अधिकाकरयों को अवगत कराया गया, लेकिन अवैध कारोबारियों पर किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई।
पुन्नी बाई देवांगन, सरपंच, सारागांव
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