ईदगाह भाठा में धारा 144 लागू होने पर बड़ी संख्या में शिक्षाकर्मी रावणभाठा पहुंचे, जहां शिक्षाकर्मियों को पुलिस के कड़े तेवर का सामना करना पड़ा। पुलिस ने महिला शिक्षाकर्मियों को रावणभाठा से हटाने के लिए उनके बच्चे को उससे छीन लिया और मैदान से चले जाने को कहा। इसके बाद भी महिला शिक्षाकर्मी अपने जिद पर अड़ी रही। अंत में पुलिस को हल्के बल का प्रयोग कर महिला शिक्षाकर्मियों को मैदान से बाहर करना पड़ा।
इससे पहले रावणभाठा में करीब 2 हजार शिक्षाकर्मियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। मोर्चा के प्रवक्ता धर्मेश शर्मा ने सरकार के इस तानाशाही रवैए का विरोध किया। उन्होंने दो टूक जवाब देते हुए कहा कि सरकार की दमनकारी नीतियों से शिक्षाकर्मी डरने वाले नहीं हैं। प्रदेश भर से शिक्षाकर्मियों के राजधानी आने का सिलसिला जारी है।
शिक्षाकर्मियों के रावणभाठा में मौजूदगी की सूचना मिलते ही प्रशासन पुलिस बल के साथ रावणभाठा पहुंची और शिक्षाकर्मियों की गिरफ्तारी शुरू कर दी। इसी बीच गिरफ्तारी का विरोध कर रहे शिक्षाकर्मियों की पुलिस से झड़प भी हुई। लेकिन पुलिस शिक्षाकर्मियों को जबरदस्ती गिरफ्तार कर अस्थाई जेल ले गई।
उधर, पुलिस प्रशासन ने शनिवार की घटना से सबक लेते हुए रविवार को शहर में आने वाले मार्गों पर सुरक्षा के चाक-चौबंद व्यवस्था की गई। शहर में आने वाले वाहनों की बेरिकेट्स लगाकर पूछताछ की गई। ईदगाह भाठा पहुंच मार्ग के चारों ओर भी बेरिकेट्स लगाकर बड़ी संख्या में पुलिस के जवानों को लगाया गया।
यही नहीं रायपुर रेलवे स्टेशन से निकलने वाले मार्गों पर भी पुलिस के जवान खड़े हैं। सरस्वती नगर थाने के पास दोपहिया वाहनों चालकों को रोक-रोककर पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने राजधानी में ऐसे 15 चेक पाइंट बनाएं हैं, जहां से राजधानी प्रवेश करने वाले हर लोगों पर नजर रखी जा रही है।