scriptपुलिस ने वांटेड बताकर रख दिया 20 हजार का इनाम, आरोपी कोर्ट में लगा रहे अग्रिम जमानत की अर्जी | Police declared as wanted, accused are applying for anticipatory bail | Patrika News

पुलिस ने वांटेड बताकर रख दिया 20 हजार का इनाम, आरोपी कोर्ट में लगा रहे अग्रिम जमानत की अर्जी

locationरायपुरPublished: May 21, 2022 07:35:16 pm

Submitted by:

CG Desk

Raipur Crime News: जीएसटी के बाबू की खुदकुशी का मामला के मामले में खुले घूम रहे आरोपी। उन्हें पकड़वाने इनाम घोषित होने के 12 दिन बाद भी गिरफ्तारी नहीं हुई है।

पुलिस ने वांटेड बताकर रख दिया 20 हजार का इनाम, आरोपी कोर्ट में लगा रहे अग्रिम जमानत की अर्जी

पुलिस ने वांटेड बताकर रख दिया 20 हजार का इनाम, आरोपी कोर्ट में लगा रहे अग्रिम जमानत की अर्जी

Raipur Crime News: रायपुर. गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) के बाबू की खुदकुशी के मामले में पुलिस आरोपियों को वांटेड बता रही है जबकि आरोपी कोर्ट में जमानत की अर्जी लगाने पहुंच रहे हैं। अपराधियों की मौजूदगी की जानकारी होने के बाद भी पुलिस उन्हें पकड़ नहीं पा रही है। बता दें, आरोपियों में एक राजनीतिक दल के आकाशदीप गिल, ट्रांसपोर्टर जगमीर सिंह गरचा, उसके नौकर गंगाराम साहू व अन्य पर पुलिस ने 20 हजार रुपए का इनाम घोषित कर रखा है। इनाम घोषित हुए 12 दिन हो गए हैं, लेकिन अब तक तेलीबांधा और माना पुलिस आरोपियों को ढूंढ नहीं पाई है।

परिजनों के शिकायत पर नहीं हुई थी कोई कार्रवाई
जीएसटी के बाबू गंगाप्रसाद मारकंडे के घर के बगल में जगमीर का गैरेज है। जगमीर गंगाप्रसाद को उसका मकान बेचने के लिए दबाव बना रहा था। अपने भांजे आकाशदीप के माध्यम से कई बार उसे धमका चुका था। इसके अलावा उनके घर के सामने दीवार खड़ी कर दी थी। और उस गली को अपना बता रहा था। गंगाप्रसाद के परिजनों ने तेलीबांधा थाना में शिकायत की, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। नगर निगम वालों ने भी ध्यान नहीं दिया। इससे परेशान होकर गंगाप्रसाद ने खुदकुशी कर ली। खुदकुशी के बाद माना पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ अलग-अलग धारा के तहत अपराध दर्ज किया है।

खानापूर्ति निकला आरोपियों को पकड़वाने घोषित इनाम
पुलिस आरोपियों को फरार बता रही है और इनाम घोषित कर रखा है, लेकिन यह महज खानापूर्ति साबित हो रही है। सूत्रों के मुताबिक सभी आरोपी शहर में ही घूम रहे हैं। उन्होंने न्यायालय में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन भी किया था जिसकी सुनवाई 17 मई को थी। जमानत का मृतक के परिजनों ने विरोध किया और जमानत खारिज कर दिया गया। माना जा रहा है कि पुलिस पर आरोपियों को गिरफ्तार न करने का ऊपर से दबाव है।

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