* छत्तीसगढ़ में हुई थी संदिग्घ मौत नहीं साफ हो पाई थी वजह बता दे की राजीव दीक्षित की मौत 29 नवंबर 2010 की रात में भिलाई के अपोलो बीएसआर अस्पताल में हुई थी। दीक्षित 29 नवंबर 2010 को स्वदेशी उत्पादों के प्रचार के लिए दुर्ग जिले के में थे। बेमेतरा में स्वदेशी उत्पादों पर व्याख्यान देने के बाद वह भिलाई आ रहे थे।जिसके बाद वे जब कार से लौट रहे थे। रस्ते में ही उन्हें बेचैनी होने लगी अनना फानन में उन्हें सेक्टर 9 ले जाया गया।हालत नहीं सुधरने पर उन्हें अपोले बीएसआर अस्पताल रेफर कर दिया गया और देर रात उनकी मौत हो गई थी।
* क्यों नहीं किया गया पोस्टमार्टम मौत के बाद इनके शरीर को विमान से सीधे हरिद्वार भिजवा दिया जाता है। लेकिन एक सवाल सभी के ज़हन में था,कि आखिर क्यों पोस्टमार्टम नहीं करवाया गया।
जानकारों के अनुसार पोस्मार्टम से ही मौत की असली वजहों का सही अनुमान लगाया जाता है। बावजूद इसके राजीव दीक्षित जैसे प्रचारक जिन्होंने न जाने कितनी मल्टीनैशनल कम्पनियों से दुश्मनी मोल ले राखी थी। पोस्टमार्टम को तवज्जु नहीं दी गई।
* हत्या का भी था शक मौत के बाद शव के अंतिम दर्शन करने वाले लोग कहते हैं कि मौत के बाद राजीव दिखित का चेहरा और होंठ नील दिखाई पड़ रहे। अमूमन ऐसा तभी होता है जब मौत किसी जहरीले पदार्थ प्रवेश करते है। जो अपने आप में कई सवालों को जन्म देते है।
* एक बार फिर से मौत वजह तलाशने कोशिश परिजनों लगातार मांगों के बीच पुलिस एक बार फिर से फाइल खोलने जा रही है। बताया जा रहा है सीधे पीएमओ के आदेश के बाद इस कार्यवाही को आगे बढ़ाया जा रहा है।
अब देखने वाली बात यह होगी कि पोस्मार्टम के आभाव में यह कार्यवाही क्या राजीव दीक्षित की संदिग्घ मौत की वजह से पर्दा उठा पाएगी ।