ऐसे दिया लोगों को धोखा
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया था कि आरोग्य धनवर्षा डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के नाम से कंपनी बनाकर, कूटरचित दस्तावेज तैयार कर आम जनता को अधिक ब्याज देने, कम समय में धन दोगुना करने का झांसा देकर विभिन्न लोक लुभावनी योजना बताकर निवेशकों से कपटपूर्वक राशि जमा कराई गई। निवेशकों द्वारा जमा कराई गई राशि की अवधि पूरा होने के बाद भी भुगतान नहीं करने, जमा की गई राशि को वापस नहीं करने, जमा राशि का ब्याज भी अदा नहीं कर धोखाधड़ी किया गया। उनके विरूद्ध थाना सिविल लाइन का अपराध क्रमांक 429/2019 धारा 420, 34 भादवि छत्तीसगढ़ के निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम 2005 का अपराध पंजीबद्ध किया गया था।
अभी 14 कंपनियों के मामले लंबित
चिटफंड कंपनियों के करीब 14 कंपनियों की संपत्ति कुर्क हो चुकी है। इनमें 12 जिला कोर्ट और 4 कलेक्टर कोर्ट में हैं। कोर्ट से आदेश मिलने के बाद ही इन संपत्तियों की नीलामी हो सकेगी। वहीं 20 चिटफंड कंपनियों की पुलिस ने अलग-अलग जिलों में करोड़ों रुपए की संपत्ति चिन्हित की है। इन्हें भी नीलाम किया जाना है, लेकिन अभी प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है।
मिले 600 आवेदन
चिटफंड कंपनियों के पीड़ितों के आवेदनों की छंटाई के बीच आरोग्य धनवर्षा डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी से राशि लेने के लिए 600 आवेदन मिले हैं। प्रापर्टी नीलाम करने की कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। बीते साल 14 सितंबर को कलेक्ट्रेट कोर्ट में संचालक को बुलाया था। जवाब पेश करने के लिए कंपनी के संचालक उपस्थित नहीं हुए तो एकतरफा कार्रवाई करते हुए कुर्की की प्रक्रिया शुरू कर दी गई।
2019 में दर्ज किया गया था प्रकरण
पुलिस ने कंपनी के खिलाफ 2019 में अपराध दर्ज कर जांच के दौरान प्रापर्टी की जानकारी मिलने के बाद उसकी कुर्की के लिए कलेक्टर को रिपोर्ट भेजी गई थी। इसी रिपोर्ट के आधार कंपनी के संचालक रघुवीर सिंह राठौर, जगदीश व्यास रतलाम और राजेन्द्र सिंह सिसोदिया रतलाम को पेशी में उपस्थित होने की नोटिस जारी किया गया था। कंपनी के संचालकों के खिलाफ सिविल लाइन थाने में 420, 34 का केस भी दर्ज था।