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फर्जी वोटिंग रोकने राजनीतिक दलों का सुझाव, बोले – आधार से जोड़े मतदाता सूची को

locationरायपुरPublished: Oct 14, 2017 10:00:24 am

Submitted by:

Ashish Gupta

चुनाव में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी की बैठक में राजनीतिक दलों ने फर्जी मतदाना रोकने के लिए भी अहम सुझाव दिए।

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राजनीतिक दल बोले, फर्जी मतदान रोकने आधार से जोड़े मतदाता सूची को

रायपुर. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी की ओर से शुक्रवार को बुलाई गई राजनीतिक दलों की बैठक में आधार कार्ड को मतदाता सूची से जोडऩे की मांग उठी। राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने फर्जी मतदाता रोकने के लिए इसे जरूरी बताया। साथ ही फर्जी मतदाना रोकने के लिए भी अहम सुझाव दिए।
प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुब्रत साहू की अध्यक्षता में हुई बैठक में भारत निर्वाचन आयोग नई दिल्ली के निर्देशानुसार प्रदेश में किए जा रहे फोटोयुक्त निर्वाचक नामावलियों के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण, ई-आरओनेट एवं मतदान केन्द्रों के युक्तियुक्तकरण के संबंध में विस्तार से चर्चा हुई। बैठक में मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों एवं गैर मान्यता प्राप्त पंजीकृत राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों और प्रतिनिधि शामिल थे। बैठक में उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी जयश्री जैन, संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी केआरआर सिंह भी मौजूद थे।
इस बार 10 लाख नए मतदाता डालेंगे वोट
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी साहू ने बताया कि प्रदेश में कुल 1 करोड़ 79 लाख 25 हजार 6 मतदाता है। इसमें थर्ड जेंडर के 724, पुरुष 90 लाख 28 हजार 892 और महिला मतदाता 88 लाख 95 हजार 390 शामिल हैं। जबकि वर्ष 2013 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान कुल मतदाताओं की संख्या 1 करोड़ 68 लाख 95 हजार 762 मतदाता थे। इस हिसाब से प्रदेश में 10 लाख 29 हजार 244 नए मतदाता बढ़ गए हैं।
मतदाता सूची का प्रारंभिक प्रकाशन 23 को
मतदाता सूची का प्रारंभिक प्रकाशन 23 अक्टूबर को किया जाएगा। दावा-आपत्ति के लिए 22 नवम्बर तक का समय दिया गया है। 29 अक्टूबर को ग्राम सभा और स्थानीय निकायों में मतदाता सूची का सत्यापन का काम होगा। राजनीतिक दलों के दावा-आपत्ति के लिए 5 नवम्बर तक अभियान चलाया जाएगा। 12 दिसम्बर को इनका निराकरण होगा। 10 जनवरी 2018 को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन होगा। इसके आधार पर ही आगामी विधानसभा का चुनाव होगा।
प्रदेश में बने 712 नए मतदान केंद्र
प्रदेश में वर्ष 2016 में मतदान केंद्रों के युक्तियुक्तकरण के बाद मतदान केंद्रों की संख्या 22 हजार 939 थी, जो अब बड़कर 23 हजार 411 हो गई है। प्रदेश में 712 नए मतदान केंद्र बनाए गए हैं। साथ ही 232 मतदान केंद्रों को विलोपित भी किया गया है। आयोग ने मतदान केंद्रों के युक्तियुक्तकरण के बाद 221 का स्थल और 441 का भवन परिवर्तन किया है।
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