इसी मुद्दे पर मंत्री कवासी लखमा ने आज दोपहर प्रेसवार्ता की। जहाँ मंत्री लखमा ने अजय चंद्राकर के बयान को पुरेआदिवासी समाज के लिए अपमानजनक बताया और कहा कि चंद्राकर के विरोध में बस्तर सहित पूरे प्रदेश के आदिवासी समाज मिल कर प्रदर्शन करेंगे।
मंत्री ने कहा कि ‘अजय चंद्राकर ने मेरे खिलाफ जो बयान दिया है,मैं खुद इनके इस बयान से आहत हूं। मैं एक सुदूर अंचल बस्तर का हूं। जहाँ से मैं चुनाव जीत कर आता हूँ। भारतीय जनता पार्टी की यही मानसिकता है, कमजोर आदमी को दबाने की, जो आज सिद्ध हुआ है।’ मंत्री ने आगे कहा की चंद्राकर के बयान के बाद से ही बस्तर से सरगुजा तक के आदिवासी सामाज के लोग सुबह से ही फोन कर रहे हैं। उन्होंने कहा अजय चंद्राकर जब तक माफी नहीं मागेंगे, तब तक हमारा आदिवासी सामाज और आदिवासी विधायक इस बात को विधानसभा के अंदर और विधानसभा के बाहर रखेंगे।
मंत्री लखमा ने कहा की, अजय चंद्राकर ने अपने बयान से पूरे आदिवासी सामाज को शर्मसार किया है। इसकी जितनी भी निंदा की जाए वो कम है। मैं भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष विष्णुदेव साय, पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, नेता प्रतिपक्ष धरम लाल कौशिक से भी पूछना चाहता हूं, क्या उनके इस बयान से वो सभी सहमत है और अगर सहमत नहीं है तो भारतीय जनता पार्टी इस तरह की बात करने वाले नेता के खिलाफ किस तरह की कार्रवाई करेगी। मंत्री ने आगे कहा, अजय चंद्राकर माफी मांगे पूरे आदिवासी सामाज से, आज मुझे ही नहीं पूरे आदिवासी सामाज को इनके बयान से ठेस पहुंची है। इसलिए बस्तर में जब भी अजय चंद्राकर आएंगे तब-तब उन्हें बस्तर में घुसने आदिवासी लोग नहीं देंगे।
यहाँ से उपजा पूरा विवाद-
दरअसल भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने 6 जुलाई को धमतरी के कुरूद में खाद संकट के खिलाफ प्रदर्शन किया था। जिसकी प्रतिक्रिया देते हुए कवासी लखमा ने कहा था कि अजय चंद्राकर दिल्ली में यह प्रदर्शन करते तो किसानों का भला हो जाता। अब शनिवार को लखमा के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए अजय चंद्राकर ने कह दिया कि वे उनकी बातों को गंभीरता से नहीं लेते। वे कांग्रेस मंत्रिमंडल के ‘आइटम गर्ल’ हैं।