मामले में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, गायों की मृत्यु की घटना दुर्भाग्यजनक है। मैंने कलेक्टर बिलासपुर को इस घटना के जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। घटना के लिए जिम्मेदार कोई भी व्यक्ति बख्शा नहीं जाएगा।
मुख्यमंत्री का कहना है, अभी तक जो जानकारी मिली है उससे लगता है कि वहां जिम्मेदार लोगों ने सही से काम नहीं किया। एक छोटी सी जगह में बहुत सारी गायों को एक साथ रख दिया। शायद सफोकेशन (घुटन) की वजह से गायों की मौत हो गई है। हालांकि इसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट आएगी ही। मुख्यमंत्री ने कहा, इस मामले की जांच और कार्रवाई होगी।
कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा, गायों की मौत किन परिस्थितियों में हुई इसकी जांच की जा रही है। घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय विधायक और संसदीय सचिव रश्मि सिंह मौके पर पहुंची थीं। उन्होंने घटनास्थल का जायजा लिया है। गांव वालों से बातचीत की है। विधायक की ओर से भी रिपोर्ट हमें मिलेगी। फिलहाल इस मामले में कलेक्टर को कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। दोषियों के खिलाफ एफआईआर कराने को कहा गया है। मामले में राज्य गो सेवा आयोग भी सक्रिय है। आयोग के अध्यक्ष महंत रामसुंदर दास ने कहा, इस मामले में हर स्तर पर जांच की जाएगी। ।
विपक्ष ने उठाए सवाल
रोका-छेका योजना के तहत इन गायों को पुराना पंचायत भवन के अस्थायी गोठान में लाया गया था। वहां के लोगों का कहना है, ऑक्सीजन नहीं मिलने और सफोकेशन के चलते गायों की मौत दम घुटने से हो गई। प्रशासन को कठोर कार्रवाई करनी चाहिए। सरकार की सभी योजनाएं कागजों पर चल रही है।
डॉ. रमन सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री
नरवा-गरुवा-घुरवा-बारी का नारा देने और गोधन न्याय योजना का ढोल पीटने वाली प्रदेश की नाकारा कांग्रेस सरकार गोठानों की कोई पुख्ता इंतज़ाम तक नहीं कर पा रही है। मूक पशुधन अकाल मौत के मुंह में समा रहे हैं।
विष्णुदेव साय, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष
इस हृदय विदारक घटना ने हम सबको दुखी किया है। जिन परिस्थितियों में गायों की मौत हुई है,इसके लिए जिम्मेदार कौन है? इस पर प्रदेश सरकार को गंभीरता से जांच करना चाहिए।
धरमलाल कौशिक, नेता प्रतिपक्ष