इसके पहले भी निगम प्रशासन तालाब सौंदर्यीकरण के नाम पर १० से २० लाख रुपए खर्च कर चुका है। फिर भी तालाब के चारों तरफ किनारे गंदगी पसरी हुई है। तालाब का पानी इतना गंदा है कि हाथ में लेने की इच्छा तक नहीं होती है। आसपास के रहवासियों को मजूबरी के चलते इसी तालाब में अपना निस्तारी करना पड़ रहा है।
बरसाती पानी लाने की व्यवस्था नहीं : राजीव गांधी वार्ड में स्थित फाफाडीह तालाब में चारों तरफ पचरी का निर्माण किया गया है। लेकिन बसात में पचरी आधे से ज्यादा खाली है।
आसपास के लोगों ने बताया कि पहले बरसात में तालाब लबालब रहता है। तालाब पर तक पानी भरा रहता था, लेकिन जब से बरसाती पानी आना बंद हुआ है, तब से तालाब गर्मी में तो पूरी तरह से सूख जाता है। बरसात में ही आसमान से जो पानी तालाब में गिरता है, उसी का ही पानी रहता है। यदि निगम प्रशासन आसपास के इलाकों का बरसाती पानी आने की व्यवस्था करें, तो बरसात में तालाब तो लबालब रहेगा ही साथ ही गर्मी में सूखेगा भी नहीं है।
नगर निगम के आयुक्त रजत बंसल ने बताया कि जिन तालाबों में पानी कम है, उनमें इन लेट और आउटलेट की व्यवस्था है। जो तालाब बरसात में नहीं भर पाते हैं, उसके लिए क्या व्यवस्था हो सकती है, इसका सर्वे कराकर व्यवस्था बनाई जाएगी, तालाब में बरसात का पानी भारी मात्रा में आ सके।