अब तक करोड़ों के पटाखों की बिक्री शहर के भीतर चल रही पटाखा दुकानों से अब तक करोड़ों रुपए का पटाखा बिक चुका है। पिछले साल जिला प्रशासन की टीम ने जिले की 75 पटाखा दुकानों का निरीक्षण करके सिर्फ 12 दुकानों को लाइसेंस के लिए योग्य पाया था। जिन दुकानों का लाइसेंस रिनिवल किया गया था उन्होंने सिर्फ शहर के बाद गोदाम दिखाकर शहर के भीतर की दुकान जस की तस रखी है। इसके अलाबा बाकी बची 63 दुकानों के गोदाम शहर के भीतर होने के कारण लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं किया गया। इन व्यापारियों को 1 से 30 नवंबर तक अस्थायी लाइसेंस जारी किया गया था।
हर साल सिर्फ एक माह की मोहल्लत बीते साल 2018 में व्यापारियों ने लाइसेंस रिनिवल के लिए हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी। जिस पर हाइकोर्ट ने व्यापारियों को गोदाम शहर से बाहर करने की शर्त पर लाइसेंस रिनिवल करने का आदेश जारी किया था। इसके बाद से जिला प्रशासन ने एक माह के लिए व्यापारियों से शपथ पत्र के आधार पर लाइसेंस जारी किया गया था। 2017 में भी थोक पटाखा व्यापारियों ने लाइसेंस नवीनीकरण पर जिला प्रशासन द्वारा लगाए गए स्टे के कारण हाईकोर्ट की शरण ली थी। इसके बाद जिला प्रशासन ने रहवासी इलाके से बाहर गोदामों को करने की शर्त पर महज एक माह के लिए लाइसेंस जारी किया था।
नोटिस का जवाब न देकर पटाखों से भरा गोदाम अंतिम मियाद के बाद लगभग एक साल बीत चुका है। इस अवधि में पटाखा व्यापारियों ने नोटिस का जवाब तो नहीं दिया लेकिन गोदामों को भरने का काम शुरू कर दिया है। अब तक एडीएम ने उनसे शिफ्टिंग नहीं करने का कारण भी नहीं पूछा। पूरा मामला फाइलों में ही सिमट कर रह गया है।
अभी लाइसेंस रिनिवल करने के संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया गया है। टीम बना दी गई है। जल्द ही पटाखा दुकानों की जांच की जाएगी। -विनीत नंदनवार, एडीएम, रायपुर