इसलिए पड़ी जरूरत
जंगल में वन्य जीवों के लिए हराचारा और उचित रहवास मिलने के कारण शाकाहारी प्राणियों की संख्या में लगातार इजाफा होता जा रहा है। हिरण, सांभर, हाइना, साही, चिंकारा और ब्लैक बाक्श के साथ ही बाघ, तेंदुआ और अक्सर हाथियों का विचरण भी हो रहा है। वहीं बगुला, बुलबुल, इरगेट्स और तोता आदि की कई प्रजातियां देखने को मिलती है। इसके कारण वन्य प्राणी अक्सर रिहायशी ग्रामीण क्षेत्रों के साथ ही मुख्य सड़क मार्ग की ओर रुख कर रहे हैं। वन्य प्राणियों की संख्या को देखते हुए तस्करी करने वालों का गिरोह की आमदरफ्त भी देखने को मिल रही है। पिछले दिनों ही तीन हिरण का शिकार करने की घटना सामने आई थी।
जंगल में वन्य जीवों के लिए हराचारा और उचित रहवास मिलने के कारण शाकाहारी प्राणियों की संख्या में लगातार इजाफा होता जा रहा है। हिरण, सांभर, हाइना, साही, चिंकारा और ब्लैक बाक्श के साथ ही बाघ, तेंदुआ और अक्सर हाथियों का विचरण भी हो रहा है। वहीं बगुला, बुलबुल, इरगेट्स और तोता आदि की कई प्रजातियां देखने को मिलती है। इसके कारण वन्य प्राणी अक्सर रिहायशी ग्रामीण क्षेत्रों के साथ ही मुख्य सड़क मार्ग की ओर रुख कर रहे हैं। वन्य प्राणियों की संख्या को देखते हुए तस्करी करने वालों का गिरोह की आमदरफ्त भी देखने को मिल रही है। पिछले दिनों ही तीन हिरण का शिकार करने की घटना सामने आई थी।
फलदार पौधरोपण से लाभ
वन विभाग द्वारा पिछले कुछ समय से लगातार फलदार वृक्षों का रोपण करने से छोटे पशु पक्षी में यहां आने लगे है। महुआ, बेर और तेंदु के साथ ही अन्य फल भी बहुतायत मात्रा में मिलते है। स्लॉथ बीयर, उडऩे वाली गिलहरी, सियार, चार सींग वाला हिरण, तेंदुए, चिंकारा, ब्लैक बक, जंगली बिल्ली, बार्किंग डीयर, साही, बंदर, बायसन, धारीदार हाइना, जंगली कुत्ते, चीतल, के प्रमुख वन्यजीव सांभर, नील गाय, गौर, जंगली सूअर, कोबरा, अजगर. अभयारण्य भी प्रमुख तोते, बुलबुल, साथ ही अन्य जीव भी बड़ी संख्या में देखे जाते है। अतुल शुक्ला पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ ने बताया कि बारनवापारा अभयारण्य का विस्तार करने की योजना पर विचार चल रहा है। इस पर सहमति बनने के बाद राज्य सरकार को स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा। बनाई गई है। इसके लिए सुरक्षित वन्य क्षेत्रों को चिन्हाकित किया जा रहा है। सारी तैयारी पूरी होने के बाद राज्य सरकार को इसका प्रस्ताव भेजा जाएगा।
वन विभाग द्वारा पिछले कुछ समय से लगातार फलदार वृक्षों का रोपण करने से छोटे पशु पक्षी में यहां आने लगे है। महुआ, बेर और तेंदु के साथ ही अन्य फल भी बहुतायत मात्रा में मिलते है। स्लॉथ बीयर, उडऩे वाली गिलहरी, सियार, चार सींग वाला हिरण, तेंदुए, चिंकारा, ब्लैक बक, जंगली बिल्ली, बार्किंग डीयर, साही, बंदर, बायसन, धारीदार हाइना, जंगली कुत्ते, चीतल, के प्रमुख वन्यजीव सांभर, नील गाय, गौर, जंगली सूअर, कोबरा, अजगर. अभयारण्य भी प्रमुख तोते, बुलबुल, साथ ही अन्य जीव भी बड़ी संख्या में देखे जाते है। अतुल शुक्ला पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ ने बताया कि बारनवापारा अभयारण्य का विस्तार करने की योजना पर विचार चल रहा है। इस पर सहमति बनने के बाद राज्य सरकार को स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा। बनाई गई है। इसके लिए सुरक्षित वन्य क्षेत्रों को चिन्हाकित किया जा रहा है। सारी तैयारी पूरी होने के बाद राज्य सरकार को इसका प्रस्ताव भेजा जाएगा।