कुछ स्कूल आने वाले हफ्ते में परीक्षा को लेकर स्थिति स्पष्ट कर देंगे। कोरोना का खतरा जिस तरह से बढ़ रहा है, उसे देखकर ज्यादातर पैरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेज रहे हैं। ऐसे में परीक्षा में बच्चों की उपस्थिति को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। इसी वजह से कुछ बड़े प्राइवेट स्कूल ने परीक्षाएं ऑफ लेने का फैसला बदल दिया है।
कोरोना संक्रमण की वजह से पिछले साल मार्च से राज्यभर के सरकारी और प्राइवेट स्कूल बंद थे। करीब 11 महीने बाद 15 फरवरी से 9वीं-11वीं के स्कूल खोले गए। स्कूल खुलने के शुरु के एक हफ्ते तक 30 फीसदी बच्चे स्कूल पहुंचे लेकिन उसके बाद कुछ स्कूली बच्चे कोरोना पॉजिटिव निकल गए। बच्चों में संक्रमण फैलने के बाद सरकारी और प्राइवेट स्कूल में उपस्थिति तेजी से कम हो गई। पैरेंट्स ने बच्चों को स्कूल भेजना ही बंद कर दिया।
शनिवार तक सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति 10 फीसदी से भी कम रह गई थी। छात्रों की उपस्थिति कम होने के बाद ही सीबीएसई बोर्ड से जुड़े कई निजी स्कूलों ने नवमीं-ग्यारहवीं की परीक्षा ऑनलाइन करने की तैयारी की है। जबकि स्कूल खुलने के बाद अधिकांश स्कूल आॅफलाइन एग्जाम लेने की घोषणा की थी। कुछ स्कूल प्रबंधन ने टाइम टेबल तक तैयार कर लिया था। दोनों कक्षाओं की परीक्षाएं 20 मार्च से पहले आयोजित करने का प्लान था। अब जो स्कूल ऑन लाइन परीक्षाएं लेने की तैयारी कर रहे हैं वे नए सिरे से शेड्यूल बना रहे हैं।
ऑफलाइन परीक्षा पर सवाल
सीबीएसई बोर्ड से जुड़े कुछ स्कूलों ने भले ही नवमीं-ग्यारहवीं की परीक्षाएं ऑनलाइन लेने की तैयारी की है, लेकिन सीजी बोर्ड से जुड़े स्कूलों में ऑफलाइन परीक्षाएं ही आयोजित किए जाने के आसार हैं। शिक्षा विभाग के अफसरों के अनुसार सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले ज्यादातर बच्चों के पास स्मार्ट मोबाइल फोन नहीं है। ऐसी दशा में उनके लिए ऑन लाइन परीक्षा में शामिल होना संभव नहीं होगा इसलिए सरकारी स्कूलों में नवमीं-ग्यारहवीं की परीक्षा ऑफ लाइन होने की संभावना ज्यादा है।
शिक्षा विभाग ने इस बार परीक्षा के आयोजन की पूरी जिम्मेदारी स्कूलों को दी है। स्कूल अपने स्तर पर परीक्षाएं आयोजित करेंगे। वे ही पेपर तैयार करेंगे, परीक्षा लेंगे और रिजल्ट भी जारी करेंगे। सीजी बोर्ड के सरकारी स्कूलों में अप्रैल में नवमीं-ग्यारहवीं की परीक्षा होने की संभावना है। सरकारी स्कूलों में भी नवमीं-ग्यारहवीं की ऑफलाइन कक्षाओं में छात्रों की उपस्थिति कम है।
प्रैक्टिकल के बाद स्कूल होंगे खाली
सीजी बोर्ड से संबंधित सरकारी व निजी स्कूलों में दसवीं-बारहवीं के प्रैक्टिकल और प्रोजेक्ट वर्क की परीक्षाएं चल रही है। 10 फरवरी से शुरू हुई परीक्षाएं 10 मार्च तक चलेंगी। स्कूल अपने स्तर पर इसका आयोजन कर रहे हैं। प्रैक्टिकल और प्रोजेक्ट वर्क परीक्षा की वजह से स्कूलों में अभी 10वीं-12वीं बोर्ड के छात्र पहुंच रहे हैं। हालांकि ये परीक्षाएं भी चरणबद्ध आयोजित की जा रही हैं, यानी एक साथ एक ही सभी बच्चों को नहीं बुलाया जा रहा है। शिक्षाविदों के अनुसार दसवीं-बारहवीं के भी अधिकांश छात्र प्रैक्टिकल व प्रोजेक्ट वर्क परीक्षा के बाद स्कूल नहीं आएंगे। वे बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी घर से करेंगे।