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निजी अस्पताल मरणासन्न स्थिति में कोरोना मरीजों को बगैर सूचना कर रहे रेफर, जान के लिए खतरा

locationरायपुरPublished: Aug 09, 2020 06:52:00 pm

स्वास्थ्य विभाग ने जारी की गाइडलाइन, रेफर आखिरी विकल्प हो, तब डॉक्टर साथ हो

निजी अस्पताल मरणासन्न स्थिति में कोरोना मरीजों को बगैर सूचना कर रहे रेफर, जान के लिए खतरा

निजी अस्पताल मरणासन्न स्थिति में कोरोना मरीजों को बगैर सूचना कर रहे रेफर, जान के लिए खतरा

रायपुर. प्रदेश में कोरोना से मौत के मामले बढ़ते जा रहे हैं। मगर, इनमें दूसरी बीमारियों से पीडि़त होने पर इलाज के लिए अस्पतालों में भर्ती होने के बाद कोरोना संक्रमित होने और फिर मौत होने या सरकारी अस्पताल में रेफर करने के बाद मौत होने के मामलों ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है। निजी अस्पताल कोरोना संक्रमित मरीजों को गंभीर स्थिति में बगैर सूचना के एम्स या फिर डॉ. भीमराव आंबेडकर अस्पताल या अन्य मेडिकल कॉलेजों में रेफर कर दे रहे हैं। यानी मरणासन्न स्थिति में। अंत में मरीज दमतोड़ दे रहा है। यही वजह है कि स्वास्थ्य विभाग को संक्रमित मरीजों के रेफर किए जाने की गाइडलाइन जारी करनी पड़ी है।
‘पत्रिकाÓ ने 3 जून को प्रमुखता के साथ मुद्दा उठाया था कि ‘नॉन कोविड अस्पतालों से नॉन कोविड अस्पतालों में मरीजों को नहीं मिल रहा इलाज, गंभीर स्थिति में हो रहे रेफर, गंवा रहे जानÓ शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। जिस पर स्वास्थ्य विभाग ने संज्ञान लिया। अपनी रिपोर्ट में पाया कि निजी अस्पतालों द्वारा मरीजों को गंभीर स्थिति में रेफर करना, मरीजों की जान के लिए खतरा साबित हो रहा है। यह उचित नहीं है। अस्पतालों को कोरोना मरीजों के डेडिकेटेड कोविड आईसीयू/वेंटिलेटर की व्यवस्था रखनी ही होगी। संक्रमित मरीज का इलाज करना होगा। इससे मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया हो सकता है। हम कोरोना के साथ अन्य बीमारी से ग्रसित मरीजों की जान बचा सकते हैं।
अगर रेफर करना आवश्यक हो तो अब ये जरूरी

स्वास्थ्य सेवाएं के संचालक नीरज बंसोड़ ने बताया कि नॉन कोविड अस्पतालों में अगर कोई मरीज इलाज के दौरान कोरोना संक्रमित होता है, तो उसका इलाज उसी अस्पताल में किया जाएगा। इससे संबंधित गाइडलाइन जारी कर दी गई है।

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