private school fees hike in raipur: मध्यवर्गीय परिवार का सदस्य अपने एक बच्चे को निजी स्कूल में प्रवेश दिलवा रहा है, तो उसे फीस के रूप में मात्र हर साल 50 हजार रुपए से ज्यादा खर्च करना पड़ रहा है। वहीं राज्य सरकार द्वारा संचालित सीबीएसई स्कूल या आत्मानंद अंग्रेजी मीडियम स्कूलों की बात करें तो इन स्कूलों में पीपी-1 से लेकर आठवीं तक के (School Fees hike in Raipur ) छात्रों का कोई भी शुल्क नहीं लगता है। कक्षा 9वीं से लेकर 12वीं तक के छात्रों से स्कूल प्रबंधन 380 रुपए लेते हैं। इस शुल्क में परीक्षा शुल्क भी जुड़ा है। सरकार के इन प्रयासों से अब मध्यगर्वीय पालकों ने आत्मानंद स्कूलों की तरफ रुख किया है।
एक्सपर्ट व्यू : मनमानी रोकने करनी होगी सख्ती शिक्षाविद् डॉ. जवाहर सूरी शेट्टी का कहना है कि निजी स्कूल संचालकों को जब आठ प्रतिशत फीस बढ़ोतरी करने की छूट है, तो उनको अपनी मनमानी नहीं करना चाहिए। कोरोना काल के बाद आर्थिक स्थिति जो खराब हुई है, वो अब तक नहीं सुधरी है। फीस वृद्धि और छात्रों की जानकारी हर साल स्कूल शिक्षा विभाग को निजी स्कूल संचालक भेजते हैं। विभागीय अधिकारी यदि अप्रैल माह तक प्रदेश के सभी निजी स्कूलों से फीस वृद्धि की जानकारी मांग ले और खुद मूल्यांकन कर ज्यादा फीस बढ़ाने वालों पर कार्रवाई करे, तो निजी स्कूलों की इस मनमानी पर नियंत्रण लगेगा और पालको कों राहत मिलेगी।
स्कूल शिक्षा विभाग के संचालक डॉ. सुनील जैन ने कहा कि निजी स्कूलों की फीस बढ़ोत्तरी संबंधित शिकायतों का निराकरण करने के लिए कलेक्टर स्तर पर कमेटी का गठन किया गया है। नियम से ज्यादा फीस बढ़ाने वाले निजी स्कूलों पर कमेटी को कार्रवाई करना है। नियम के विरूद्ध फीस बढ़ोती करने वाले स्कूलों पर कार्रवाई करने का निर्देश अधीनस्थों को दिया है।
यूनिफार्म-पुस्तकों के शुल्क में भी बढ़ोतरी
स्कूल फीस बढ़ने के साथ ही यूनिफार्म, जूते-मोजे व कॉपी-किताबें भी महंगी हो गई हैं। इसके दाम में करीब 15 से 20 फीसदी तक बढ़े हैं। शहर के स्टेशनरी संचालक कॉपी-किताब की महंगाई के पीछे की वजह भी बता रहे हैं। उनका कहना है कि कागज के दाम 50 की जगह 85 रुपये प्रति किलोग्राम हो गए हैं। कॉपी-किताब तैयार करने के लिए जरूरी कच्चा माल भी नहीं मिल रहा है। पीपी-2 की कॉपी-किताबों का जो सेट पिछले साल साढ़े चार हजार में तैयार हुआ था। इस साल वो पांच से छह हजार के बीच तैयार हो रहा है। निजी प्रकाशकों की जो किताबें 400 से 500 रुपए में मिल जातीं थीं, उनकी कीमत 700 से 750 के रुपए के बीच पहुंच गई हैं।
निजी स्कूल 800 से ज्यादा
सीबीएसई 13 प्लस, इनमें प्राइमरी 8, मिडिल 5
रायपुर में आत्मानंद स्कूल – 21