स्टाफ का भुगतान करने में हो रही समस्या
एक निजी स्कूल के संचालक ने बताया कि शैक्षणिक सत्र 2017-18 के बाद 2018-19 में आरटीई के तहत दाखिला लेने वाले छात्र-छात्राओं की फीस सरकार ने भुगतान नहीं किया है। यह राशि कई स्कूलों में लाखों की हो चुकी है। शुल्क की राशि नहीं मिलने से स्कूल प्रबंधन अपने स्टाफ का पेमेंट करने में भी असमर्थ होने लगे हैं। उल्लेखनीय है कि बीते शिक्षा सत्र आरटीआई के तहत १० हजार छात्रों के लिए सीटे सुरक्षित की गई थी। सीट सुरक्षित होने के बावजूद केवल 5 हजार प्रवेश आरटीई के तहत जिले में हो पाए। नवीन शिक्षा सत्र के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने रायपुर जिले में फिर से 10 हजार सीटों को सुरक्षित किया है।
प्रति स्टूडेंट 7000 रुपए देना है सरकार को
शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत निजी स्कूल में दाखिला देने वाले पात्र छात्र अथवा छात्रा के एवज में निजी स्कूल प्रबंधन को प्रति छात्र 7000 रुपए देना है। साथ ही 650 रुपए गणवेश व जूता के लिए दिया जाना है। दो सत्र में कक्षा पहली में दाखिला लेने वाले छात्रों का भुगतान अटका हुआ है।
आवेदन की बढ़ सकती है तिथी
कोरोना संक्रमण काल के कारण स्कूल शिक्षा विभाग की योजनाओं में अनिश्चितकालीन ब्रेक लगा हुआ है। स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मानें तो आरटीआई के तहत आवेदन करने की तिथी 30 मई निर्धारित की गई है। लॉकडाउन बढ़ा और स्कूल नहीं खुले तो आरटीई के तहत आवेदन करने की तिथी और बढ़ सकती है। आवेदन प्रक्रिया होने के बाद लॉटरी सिस्टम के तहत सीटों का आवंटन किया जाएगा।
आरटीई के तहत निजी स्कूलों को दी जाने वाली राशि का भुगतान दो साल से नहीं हुआ है। निजी स्कूलों से राशि का विवरण मांगा है, जल्द भुगतान किया जाएगा।
जीआर चंद्राकर, जिला शिक्षा अधिकारी
रायपुर।