यह भी पढ़ें: 17 के बाद खुलेंगे सभी ट्रेड, लेकिन प्रोटोकॉल लागू रहेगा, शाम तक होगा व्यापार, संडे लॉकडाउन एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि जब परीक्षा नहीं हुई, तो शुल्क किसलिए। सीबीएसई व माशिमं ने फिलहाल जवाब नहीं दिया है।
छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के मुताबिक प्रदेश में 9 हजार निजी स्कूल है। इनमें सीबीएसई के 450 स्कूल एवं बाकी माशिमं व आईसीएससी बोर्ड के है। प्रदेश में इस शिक्षा सत्र सीबीएसई में 10वीं के 30 हजार स्टूडेंट्स बैठे थे।
माशिमं में 4 लाख 61 हजार परीक्षार्थियों ने 10वीं में रजिस्ट्रेशन कराया था। माशिमं ने बोर्ड शुल्क के रुपए में प्रति छात्र 420 रुपए एवं सीबीएसई ने प्रति शुल्क 1 हजार 650 रुपए लिया था। छत्तीसगढ़ निजी स्कूलों के जिम्मेदारों की मानें तो आकलन के अनुसार सीबीएसई बोर्ड से प्रदेश के स्कूलों को 4 करोड़ 95 लाख रुपए एवं माशिमं से 19 करोड़ 36 लाख 20 हजार रुपए लेना है।
यह भी पढ़ें: अब वैक्सीनेशन के लिए नहीं लगानी पड़ेगी लंबी लाइन, सीजी टीका पोर्टल लांच, मिलेगी ये सुविधा छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव गुप्ता ने कहा, छात्रहित में माशिमं व सीबीएसई बोर्ड को पत्र लिखकर उनसे शुल्क मांगा गया है। शुल्क आने पर छात्रों को ये वापस किया जाएगा। माशिमं व सीबीएसई के जिम्मेदार यदि शुल्क वापस नहीं करेंगे, तो हम कोर्ट की शरण लेंगे।