वर्दी का रौब!
रायपुरPublished: Jun 08, 2018 07:51:29 pm
बिना हेलमेट पहने दोपहिया सवार तीन महिला पुलिसकर्मियों ने मामूली सी बात पर ऑटो चालक की जमकर पिटाई की
रायपुर। इसे कहते हैं, ‘एक तो चोरी, दूसरे सीनाजोरी।Ó राजधानी रायपुर के गुढिय़ारी इलाके में बिना हेलमेट पहने दोपहिया सवार तीन महिला पुलिसकर्मियों द्वारा मामूली सी बात पर ऑटो चालक की जमकर पिटाई करने की जितनी निंदा की जाए, कम है। क्योंकि, वहां न कोई बड़ी घटना-दुर्घटना हुई थी और न ही कोई गंभीर अपराध, बल्कि वे खुद हीं यातायात नियमों का पालन नहीं कर रही थीं। नियमों का पाठ पढ़ाने वाले ही यदि उसका उल्लंघन करने लगे, कानून का पालन कराने वाले ही यदि उसकी धज्जियां उड़ाने लगे तो फिर आम लोगों से क्या उम्मीद की जा सकती है! अराजक तत्वों पर आखिर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा। कानून का पालन कराना ही नहीं, बल्कि करना भी पुलिस का परम कर्तव्य है। बावजूद इसके पुलिस में अब अनुशासन कम होता नजर आ रहा है। कई दफे तो अराजकतत्वों और पुलिसकर्मियों के व्यवहार में कोई फर्क नजर नहीं आता। दोनों का गाली-गलौज और मारपीट करना आम बात सी हो गई है।
दुर्भाग्य की बात है कि प्रदेशभर में पुलिस बल में कानून व अनुशासन का उल्लंघन करने की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। यह घटना न केवल पुलिस के लिए सोचनीय है, बल्कि समाज के लिए चिंतनीय भी है। साथ ही ईमानदार, कर्तव्यनिष्ठ, जनहितैषी, सेवाभावी और अनुशासित पुलिसकर्मियों को शर्मसार करनी वाली भी है। आज के समय में वर्दी, पद, पॉवर और पैसे का रौब दिखाना, अपने से कमजोर पर क्रोध करना, धौंस जमाना या मारपीट करना फैशन हो गया है। इसका बहुत बड़ा दुष्परिणाम आखिरकार समाज और देश को भुगतना पड़ता है। पुलिसकर्मी तो जान हथेली पर लेकर कानून व्यवस्था कायम रखने का फर्ज निभाते हैं, लेकिन ऐसी घटनाओं का बार-बार होना पुलिस की छवि पर सवाल खड़ा करता है। क्रोध जताना या मारपीट करना किसी समस्या का समाधान नहीं है।
बहरहाल, पुलिस को अपना व्यवहार सुधारना चाहिए। कानून तोडऩे वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करना चाहिए। पुलिस जब कानून का पालन करते हुए फर्ज निभाएगी तब उसकी छवि भी सुधरेगी और कानून व्यवस्था भी मजबूत होगी।