पुलवामा हमले के विरोध में रायपुर के सराफा कारोबारियों ने भारत बंद का समर्थन सोमवार को दिया था। मामले में छत्तीसगढ़ सराफा एसोसिएशन और रायपुर सराफा एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने रविवार की शाम को बैठक ली थी, और सर्वसम्मति से बंद को सफल बनाने का आह्वान किया था। सराफा कारोबारियों के बंद आह्वान में दोपहर 1 बजे उस समय पानी फिरने लगा, जब रायपुर सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष दोपहर 1 बजे अपनी सराफा दुकान पहुंचकर उसे खोलने लगे। मौके पर मौजूद छत्तीसगढ़ सराफा एसोसिएशन के महासचिव ने उन्हें रोकने की कोशिश की, तो दोनों का विवाद हो गया और बहसबाजी होने लगी। इस दौरान सराफा कारोबारियों ने आपसी राय से दुकान पूरे दिन करने की बात कही और उसके बाद विवाद खत्म हुआ।
दो घंटे तक गर्म रहा माहौल
दुकान खोलने की जिद को लेकर सराफा बाजारा में दो घंटे तक माहौल गर्म रहा। विवाद कर रहे दोनो एसोसिएशन के पदाधिकारी घटना को जिद में लेने लगे, जिस वजह से तनाव की स्थिति बनी रही। ज्यादा तनाव होते देख कुछ सराफा कारोबारियों ने कोतवाली पुलिस में सूचना दे दी और मौके पर ही दोबारा आपातकालीन बैठक बुलाने के लिए कहा। सराफा कारोबारियों की रजामंदी पर दोबारा मौके पर बैठक हुई और सोमवार की शाम तक बाजार बंद रहने की बात पर सहमति बनी।
दुकान खोलने की बात पर कुछ कारोबारियों की आपस में बहस हुई थी। बहस उन्हीं लोगों ने की थी, जो एक दिन पहले बैठक में सर्वसम्मति से बंद का आह्वान करने की बात कर रहे थे। विवाद होता देख सभी दुकानदारों ने आपस में चर्चा की सोमवार की शाम तक बंद करने का ऐलान किया, जिसके बाद मामला शांत हो गया था।
मदन लाल अग्रवाल, अध्यक्ष
छत्तीसगढ़ सराफा एसोसिएशन