रायपुरPublished: May 24, 2020 08:24:20 pm
Shiv Singh
वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने पिछले दिनों वन विभाग के अधिकारियों को बाहरी एक्सपर्ट बुलाए बगैर अपने राज्य में उत्पाती हाथियों को रेडियो कॉलर आई.डी. लगाने पर जोर दिया था।
प्रथम हाथी को ट्रेंकूलाइज करने के बाद रेडिया कॉलरिंग करता वन अमला। अब तक इस हाथी रायगढ़ व कोरबा आदि में काफी उत्पात मचा रखा था।
रायपुर/कोरबा. वन विभाग के अमले ने कोरबा जिले के कुदमुरा वन परिक्षेत्र के एक दंतैल हाथी को कॉलर आई.डी. लगाने में सफलता हासिल की है। वन अमले ने हाथी को प्रथम नाम दिया है। वन विभाग ने ‘प्रथम’ नामक हाथी को सफलतापूर्वक कालर आई.डी. लगाकर इसे पूरा कर दिखाया। राज्य के वन विभाग द्वारा हाथियों में रेडियो कॉलरिंग के लिए सफलतापूर्वक चलाया गया यह प्रथम अभियान है। अतएव रेडियो कॉलरिंग किए गए इस हाथी को ‘प्रथम’ नाम दिया गया है।
प्रथम ने पहुंचाया नुकसान
प्रथम नामक इस हाथी ने पूर्व में धरमजयगढ़ वन परिक्षेत्र में जन हानि पहुंचायी थी। वन विभाग अलग-अलग हाथियों को कालर आई.डी. लगाता है। इस कार्य के लिए केरल, कर्नाटक आदि राज्यों से एक्सपर्ट को बुलाया जाता है। इस पूरी प्रक्रिया में काफी राशि खर्च होती है। हाथी के उत्पात को ध्यान में रखते हुए उसे कॉलर आई.डी. लगाना आवश्यक था। विभाग ने अपने बूते हाथी को कॉलर आई.डी. लगाने का फैसला किया है। इसके लिए विशेष टीम का गठन कर सघन अभियान चलाया गया।
‘प्रथम’ नामक हाथी धरमजयगढ़ वन मंडल से कोरबा कुदमुरा जंगल पहुंचा था। उसे आज सुबह पौने नौ बजे ‘कुमकी’ हाथी तीरथराम की मदद से ट्रेंकूलाइज कर रेडियो कॉलर पहनाया गया। इस कार्य को प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) अतुल शुक्ला, अतिरिक्त मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) अरूण पाण्डेय, मुख्य वन संरक्षक अनिल सोनी, मुख्य वन संरक्षक संजीता गुप्ता एवं वन परिक्षेत्राधिकारी गुरूनाथन की निगरानी में किया गया। वेटनरी डॉक्टर राकेश वर्मा के निर्देशन में प्रथम हाथी को ट्रेंकूलाइज किया गया।