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किसान नेताओं को रायपुर रेलवे स्टेशन के बाहर रोका, 1 घंटे तक करते रहे नारेबाजी, ज्ञापन देकर लौटे

locationरायपुरPublished: Oct 18, 2021 07:21:09 pm

Submitted by:

Ashish Gupta

Rail Roko Aandolan: तीन कृषि बिल की वापसीसहित अन्य मांगों को लेकर सोमवार को राजधानी के रेलवे स्टेशन परिसर पर सुयंक्त किसान मोर्चा द्वारा एक घंटे तक प्रदर्शन किया गया।

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रायपुर. Rail Roko Aandolan: तीन कृषि बिल की वापसी, सभी फसलों को एमएसपी में खरीदे जाने की कानूनन गारंटी और लखीमपुर घटना पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी की बर्खास्तगी की मांग को लेकर सोमवार को राजधानी के रेलवे स्टेशन परिसर पर सुयंक्त किसान मोर्चा द्वारा एक घंटे तक प्रदर्शन किया गया। इस दौरान केंद्र सरकार के खिलाफ किसानों ने जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शनकारी पुलिस अधिकारियों और एसडीएम से रेल पटरी पर जाकर प्रदर्शन करने की इजाजत मांगते रहे, लेकिन उनकी मांग को खारिज कर दिया गया। जिसके चलते ये बाहर जमे रहे।
कई बार इन्होंने अलग-अलग गेट से स्टेशन के अंदर जाने की कोशिश की। मगर, हर गेट पर भारी पुलिस बल की तैनाती के चलते यह मुमकिन नहीं हो सका और फिर एसडीएम जगन्नाथ वर्मा को ज्ञापन सौंपकर लौट गए। दरअसल, दिल्ली में बीते 6-7 महीनों से संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा प्रदर्शन जारी है। मोर्चा के आव्हान पर ही देशभर में किसानों ने रेल रोको आंदोलन किया। प्रदर्शनकारियों में छत्तीसगढ़ किसान मजूदर महासंघ के नेता पारसनाथ साहू, बीकेयू छत्तीसगढ़ के सचिव हरप्रीत सिंह रंधावा, तेजराम विद्रोही, जनक लाल ठाकुर, पारसनाथ साहू, राजू शर्मा, ठाकुर, बलविंदर सिंह ज्ञानी, दलबीर सिंह पप्पू परविंदर सिंह पन्नू सहित अन्य लोग मौजूद थे।

लंगर के बाद फिर नारेबाज
प्रदर्शन के दौरान किसानों को सिख समाज द्वारा लंगर कराया गया। लंगर के बाद फिर से किसानों ने 15 मिनट तक नारेबाजी की। छत्तीसगढ़ किसान मजूदर महासंघ के नेता पारसनाथ और बीकेयू छत्तीसगढ़ के सचिव रंधावा का कहना था कि देश में 11 महीनों किसान आंदोलन कर रहे हैं। इसी बीच लखीमपुर में हमारे किसान भाईयों पर केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा और उनके गुंडों द्वारा गाड़ी चढ़ाकर हत्या कर दी गई। 4 किसान और 1 पत्रकार शहीद हो गए। अभी तक सभी अभियुक्तों को गिरफ्तार नहीं किया गया है। इस प्रकार की अमानवीय घटना को अंजाम देने वाले लोगों को कड़ी सजा दी जाए और किसानों की कृषि बिल वापस लिया जाएगा।

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