शिव प्रसाद पंवार,सीनियर पब्लिसिटी इंस्पेक्टर, रेलवे
रायपुरPublished: Sep 24, 2020 01:52:27 am
VIKAS MISHRA
रायपुर रेल डिवीजन की दो प्रमुख वाल्टेयर लाइन का दोहरीकरण भी अधूरा
केंद्री से धमतरी लाइन को ब्रॉडगेज करने में रेलवे पिछड़ा
रायपुर . रेल डिवीजन की दो महत्वपूर्ण लाइन रायपुर-विशाखापट्टनम और केंद्री से धमतरी लाइन को ब्राडगेज बनाने का काम जैसे-तैसे ही चल रहा है। इन दोनों रेल लाइनों को पूरा कराने में रेलवे दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है। कहने को काम कई वर्षोँ से चल रहा है, लेकिन पूरा होने का नाम ले रहा। वाल्टेयर लाइन का दोहरीकरण भी इसी तरह बीच में अटका हुआ है। रेलवे के निर्माण में तेजी नहीं आई। इन दोनों प्रोजेक्ट का काम काफी पीछे चल रहा है। जबकि धमतरी लाइन ब्राडगेज बन जाने से नवा रायपुर से मंदिरहसौद से कांकेर तरफ का क्षेत्र रेल लाइन से जुड़ जाएगा।
रायपुर से धमतरी और राजिम के बीच चलने वाली छोटी ट्रेन अब बीते समय की बात हो चुकी है। क्योंकि छोटी रेल लाइन पर अब स्टेशन से शदाणी दरबार के आगे जगदलपुंर सड़क मार्ग तक समाप्त हो चुंकी है। इस छोटी लाइन की जगह एक्सप्रेस-वे सड़क बन गई है, लेकिन बीच में धसक जाने के कारण उस पर यातायात शुरू नहीं हो सका। दूसरी तरफ मंदिरहसौद से 20 किमी रेल लाइन केंद्री तक बन रही है। इसे देखते हुए रेलवे प्रशासन ने छोटी ट्रेन का परिचालन केंद्री से करना शुरू किया और यहीं से धमतरी-बालोद तक बड़ी रेल लाइन बनाने का प्रोजेक्ट चालू हुआ, जो कछुआ गति से चल रहा है। जबकि इस रेल लाइन के लिए 284 करोड़ रुपए की स्वीकृति मिले हुए एक साल से भी अधिक होने जा रहा है। लेकिन निर्माण में तेजी नहीं आई।
प्रोजेक्ट रेल विकास निगम के हवाले
रेलवे का यह दोनों प्रोजेक्ट रेल विकास निगम के हवाले है। इसलिए रेल डिवीजन के अफसर पीछे हट जाते हैं। वालटेयर लाइन जिस पर आज भी डीजल इंजन से ट्रेनें चल रही है, क्योंकि यह रेल लाइन न तो दोहरीकरण हो पाई न ही विद्युतीकरण। जबकि वर्ष 2007 से यह काम 750 करोड़ रुपए की लागत से शुरू हुआ था, जो आज भी लखौली तक अधूरा है। इसी ही स्थिति धमतरी रेल लाइन को ब्राडगेज बनाने की भी। जबकि लंबे समय से इस रेल लाइन का काम पूरा कराने का मुद्दा धमतरी, कांकेर तरफ के लोगों के साथ ही व्यापारिक संगठनों द्वारा उठाया जाता रहा है।