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नौकरी की आड़ में लूटना पेशा था डकैतों का, बड़ी वारदात से पहले दबोचा

locationरायपुरPublished: Oct 01, 2016 07:58:00 pm

राइस मिलों में मजदूरी की आड़ में लूट करने वालों के अंतरराज्यीय गिरोह का पुलिस ने पर्दाफाश किया है। आरोपियों ने अभनपुर के किराना व्यवसायी जय अग्रवाल को परिवार सहित बंधक बनाकर लूटा था

Accused for robbery arrested

Accused for robbery arrested

रायपुर. राइस मिलों में मजदूरी की आड़ में लूट करने वालों के अंतरराज्यीय गिरोह का पुलिस ने पर्दाफाश किया है। आरोपियों ने अभनपुर के किराना व्यवसायी जय अग्रवाल को परिवार सहित बंधक बनाकर लूटा था। आरोपी और दूसरी बड़ी वारदात की तैयारी में थे। गिरोह का एक सदस्य फरार है। सभी उत्तरप्रदेश के रहने वाले हैं और राइसमिलों में मजूदरी करने के बहाने ठहरते थे। मामले का खुलासा शनिवार शाम को पुलिस कंट्रोल रूम में एसपी डा. संजीव शुक्ला, एएसपी अजातशत्रु बहादुर सिंह ने किया।

पुलिस के मुताबिक राजिम मोड़ पर जय अग्रवाल की रूबी डेली नीड्स की दुकान है। 31 अगस्त की रात उत्तरप्रदेश के ग्राम धोलापड़ा निवासी मोहम्मद मूसा, मोहम्मद आसिफ और सरायमोहल्ला सामली निवासी मोहम्मद जुनैद ने जय के घर धावा बोला। जय और उसके पूरे परिवार को कट्टा दिखाकर बंधक बनाया। और नगदी व सोने-चांदी के जेवर लूटकर भाग निकले थे। घटना की अभनपुर पुलिस और क्राइम ब्रांच जांच में जुटी थी।
हुलिया केआधार पर ढूंढ निकाला

इस मामले में पुलिस के पास आरोपियों के बारे में कोई साक्ष्य नहीं था। केवल हुलिए की जानकारी पीडि़त परिवार ने दी थी। क्राइम ब्रांच ने 6 टीमें बनाकर मामले की जांच शुरू की। टीम को आरोपियों के हुलिए वाले एक व्यक्ति की घटना वाले दिन रायपुर से जगदलपुर जाने वाली बस में अभनपुर से बैठकर धमतरी जाने की सूचना मिली। पुलिस ने धमतरी में पतासाजी की। उस व्यक्ति का पुरुर और कुरूद जाने का पता चला।

पुलिस को पता चला कि अभनपुर, पुरुर और कुरूद में उत्तरप्रदेश के सहारनपुर और सामली के मजदूर काम करने के लिए आए हैं। लुटेरों की भाषा भी यूपी वाली थी। इससे पुलिस का शक मजबूत हुआ और एक टीम उत्तरप्रदेश भेजी गई। टीम को वहां से जुनैद, मूसा और आशिफ के बारे में पता चला। जुनैद अपने गांव से फरार था। और मूसा व आसिफ वापस छत्तीसगढ़ में लौट गए हैं। क्राइम ब्रांच की टीम उनके पीछे छत्तीसगढ़ पहुंची और रायपुर में घेराबंदी करके उसे पकड़ लिया। मूसा और आसिफ के पास 315 बोर के दो कट्टे और 7 जिंदा कारतूस मिले हैं। जुनैद फरार है।
सामान खरीदने के बहाने रैकी

लूट की प्लानिंग मूसा ने बनाई थी। मूसा अभनपुर के राइस मिल में काम करता था। इस दौरान वह जय की दुकान से सामान खरीदता था। खरीदारी के दौरान ही वह रैकी करता था। इसके बाद उसने जुनैद और आसिफ की मदद से लूट की। मूसा पिछले 7 साल से महासमुंद, बागबाहरा, धमतरी के पुरुर, कुरूद और ओडिशा के कटक के राइस मिलों में काम कर रहा है। आरोपियों की आपराधिक रिकार्ड खंगाले जा रहे हैं। दोनों को पांच दिन की रिमांड पर लिय गया है।
दूसरी वारदात की थी तैयारी

जय के घर लूट करने के बाद तीनों नगदी व सोना-चांदी के गहने लेकर अपने घर चले गए थे। जेवर को ठिकाने लगाने के बाद वापस छत्तीसगढ़ लौटे थे और दूसरी वारदात की तैयारी कर रहे थे। इसी बीच पुलिस ने धरदबोचा।
नहीं हो रही जांच

लूट की वारदात ने साबित कर दिया है कि उत्तरप्रदेश, बिहार और अन्य राज्यों से मजदूरी के बहाने अपराधिक प्रवृत्ति के लोग राज्य में फैले हैं। और राइस मिल, कारखाने आदि में काम के बाहने लूट व डकैती की वारदात को अंजाम दे रहे हैं। इन मजदूरों की शिनाख्त पुलिस नहीं करती। और न ही फैक्ट्री या राइस मिल मालिक अपने कर्मचारियों की सूचना थाने में देते हैं।
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