scriptरायपुर : विभागीय समीक्षा करने के बाद पर्यावरण मंत्री बोले-निजी चिकित्सा संस्थानों में एक माह के भीतर प्राधिकार अनिवार्यत हो | Raipur: After conducting a departmental review, the Environment Minist | Patrika News

रायपुर : विभागीय समीक्षा करने के बाद पर्यावरण मंत्री बोले-निजी चिकित्सा संस्थानों में एक माह के भीतर प्राधिकार अनिवार्यत हो

locationरायपुरPublished: Feb 27, 2021 07:13:00 pm

Submitted by:

Shiv Singh

पर्यावरण मंत्री अकबर ने जिलेवार निजी चिकित्सा संस्थानों द्वारा जीव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 के अंतर्गत ली जाने वाली प्राधिकार की विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने अब तक शेष निजी चिकित्सा संस्थानों में लंबित प्राधिकार को एक माह के भीतर हर हालत में सुनिश्चित कराने के निर्देश सभी क्षेत्रीय अधिकारियों को दिए।

रायपुर : विभागीय समीक्षा करने के बाद पर्यावरण मंत्री बोले-निजी चिकित्सा संस्थानों में एक माह के भीतर प्राधिकार अनिवार्यत हो

पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर ने शनिवार को राजधानी के शंकर नगर स्थित अपने निवास कार्यालय में छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मण्डल के अधिकारियों की बैठक ली.

रायपुर. पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर ने शनिवार को राजधानी के शंकर नगर स्थित अपने निवास कार्यालय में छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मण्डल के अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने बैठक में चर्चा करते हुए राज्य के सभी निजी चिकित्सा संस्थानों में जीव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन नियम के अंतर्गत एक माह के भीतर अनिवार्य रूप से प्राधिकार सुनिश्चित कराने के संबंध में सख्त निर्देश दिए। इसी तरह उन्होंने मण्डल के सभी क्षेत्रीय अधिकारियों को अपने-अपने कार्य क्षेत्र के अंतर्गत नगरीय निकायों से जनित घरेलू दूषित जल के उपचार के लिए संयंत्र स्थापना की प्रगति के संबंध में मौका निरीक्षण हेतु निर्देशित किया। इसमें प्रगति के संबंध में जानकारी दस दिवस के भीतर हर हालत में उपलब्ध कराने कहा गया है। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मण्डल के सचिव आर. पी. तिवारी सहित समस्त क्षेत्रीय अधिकारी उपस्थित थे।
पर्यावरण मंत्री अकबर ने जिलेवार निजी चिकित्सा संस्थानों द्वारा जीव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 के अंतर्गत ली जाने वाली प्राधिकार की विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने अब तक शेष निजी चिकित्सा संस्थानों में लंबित प्राधिकार को एक माह के भीतर हर हालत में सुनिश्चित कराने के निर्देश सभी क्षेत्रीय अधिकारियों को दिए। राज्य में वर्तमान में निजी चिकित्सा संस्थानों की संख्या 3 हजार 69 है। इनमें से अब तक एक हजार 997 निजी चिकित्सा संस्थानों द्वारा प्राधिकार प्राप्त कर लिए गए हैं। उक्त प्राधिकार के दायरे में सभी निजी क्लीनिक, ब्लड बैंक, आयुर्वेदिक क्लीनिक तथा पैथालॉजी लैब शामिल है। इनमें से जिनके पास बिस्तरीय सुविधा है, उन्हें प्रत्येक वर्ष प्राधिकार लेना होगा। इसके अलावा जहां बिस्तरीय सुविधा नहीं है, उन्हें जीवनभर के लिए जीव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन नियम के तहत केवल एक बार ही प्राधिकार लेना होगा। इन चिकित्सा संस्थानों से निकलने वाले अपशिष्ट अथवा अवशेष का बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए इन्हें प्राधिकार के दायरे में लाया गया है।
पर्यावरण मंत्री अकबर ने राज्य में घरेलू दूषित जल उपचार संयंत्र की स्थापना की प्रगति के संबंध में जानकारी ली और क्षेत्रीय अधिकारियों को मौका निरीक्षण कर प्रगति की जानकारी दस दिवस के भीतर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। वर्तमान में रायपुर क्षेत्र के अंतर्गत छह एमएलडी क्षमता के भाटागांव, 75 एमएलडी क्षमता के चंदनडीह, 35 एमएलडी क्षमता के कारा तथा 90 एमएलडी क्षमता के निमोरा में घरेलू दूषित जल उपचार संयंत्र निर्माणाधीन है। इसी तरह रायगढ़ के बड़ेअतरमुड़ा में 25 एमएलडी क्षमता के तथा बांजिनपाली में 7 एमएलडी क्षमता के दूषित जल उपचार संयंत्र निर्माणाधीन है। बैठक में बताया गया कि इसके अलावा राज्य के अन्य 74 नगरीय निकायों से जनित घरेलू दूषित जल के उपचार हेतु 78 घरेलू दूषित जल उपचार संयंत्र की स्थापना की जाएगी।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो