अंबेडकर अस्पताल के ट्रॉमा में आठ घंटे पड़ी रही लाश, परिजन होते रहे परेशान
रायपुरPublished: Feb 07, 2016 11:43:00 pm
डोगरगांव में एक्सीडेंट में घायल महिला बिशाखा बाई को इलाज कराने लाए थे
रायपुर. डोंगरगांव में एक्सीडेंट में घायल महिला बिशाखा बाई की अंबेडकर अस्पताल के ट्रॉमा में इलाज के दौरान मौत हो गई। इसके बाद डॉक्टर मृत महिला को बेड पर ही छोड़कर अपना काम करने लगे और लगभग 8 घंटे तक उसका शव वहीं पड़ा रहा। इस दौरान परिजनों ने महिला का शव ले जाने की कोशिश भी की, लेकिन डॉक्टरों ने परिजनों को व्यस्तता का हवाला देकर दिन में 3 बजे तक शव उठाने नहीं दिया।
मिली जानकारी के मुताबिक शनिवार की रात घायल महिला को उसके परिजन इलाज के लिए अंबेडकर अस्पताल लेकर आए थे। महिला की हालत बहुत खराब थी। ट्रॉमा के डॉक्टरों ने महिला का इलाज शुरू कर दिया, लेकिन रविवार की सुबह 7.30 बजे महिला ने दम तोड़ दिया।
मीडिया के सहयोग से लाश पहुंची शवगृह
यह बात जब परिजनों ने मीडिया को बताई तो आनन-फानन में डॉक्टरों ने तुरंत ही लाश को शवगृह में पहुंचा दिया। उसके बाद परिजनों ने राहत की सांस ली।
महिला का ससुर जग्गू साहू ने कहा, मेरी बहू की सुबह ही मौत हो गई, लेकिन डॉक्टर शव देने को तैयार नहीं हुए। उनके पास जाने पर डांट का भगा दे रहे थे।
अंबेडकर अस्पताल के चौकी प्रभारी एमआर ध्रुव ने कहा, डॉक्टर लाश को लेकर हमेशा एेसा ही करते हैं। परिजन हर दिन एेसे ही परेशान होते हैं। आज भी एेसा ही हुआ। अभी तक हमारे पास कोई सूचना नहीं आई है।
अंबेडकर अस्पताल के पीआरओ शुभ्रा सिंह ठाकुर ने कहा, मामले की जांच कराई जाएगी कि क्यों डॉक्टर मरीज की लाश इतनी देर तक ट्रॉमा यूनिट में रखे रहे।