scriptसाढ़े 1400 करोड़ का रायपुर-बिलासपुर रोड कई जगह दरका, निर्माण भी अधूरा | Raipur-Bilaspur road worth 1400 crores has been broken in many places | Patrika News

साढ़े 1400 करोड़ का रायपुर-बिलासपुर रोड कई जगह दरका, निर्माण भी अधूरा

locationरायपुरPublished: Jul 13, 2020 01:04:06 am

अफसरों का दावा- क्वालिटी से समझौता नहीं, आरटीओ ऑफिस के करीब करना पड़ा मरम्मत

साढ़े 1400 करोड़ का रायपुर-बिलासपुर रोड कई जगह दरका, निर्माण भी अधूरा

साढ़े 1400 करोड़ का रायपुर-बिलासपुर रोड कई जगह दरका, निर्माण भी अधूरा

रायपुर. साढ़े 1400 करोड़ रुपए में बन रही रायपुर-बिलासपुर हाइवे रोड का घटिया निर्माण फूट-फूट कर बाहर निकल रहा है। इस रोड का अभी पूरी निर्माण भी नहीं हुआ कि कई जगहों पर दरक चुकी है। 126 किमी लंबी यह कंक्रीट सड़क तराई व रोलिंग में कमी के कारण राजधानी के करीब रावांभाठा परिवहन कार्यालय के करीब ही दो टुकड़ों में फट गई थी, जिसे नेशनल हाइवे के अफसरों ने ठेकेदार से मरम्मत कराया। इसके बाद धरसीवां गांव के पास सड़क फट जाने का मामला सामने आया है।
रायपुर-बिलासपुर राष्ट्रीय राजमार्ग को सिक्सलेन करने का काम 10 साल पहले शुरू हुआ था, लेकिन वह पूरा होने का नाम नहीं ले रहा है। अभी भी सिमगा के पास सर्विस रोड और जिन-जिन जगहों पर पुलिया का निर्माण हुआ है, वहां काम चल रहा है। राष्ट्रीय राजमार्ग के क्षेत्रीय अधिकारी उच्च गुणवत्ता से कंक्रीट सड़क बनने का दावा तो करते रहे, लेकिन यह सड़क बनने से पहले ही घटिया निर्माण के रूप में फूट रही है। निर्माण के दौरान रेालिंग और तराई में लापरवाही बरते जाने से एेसी तस्वीरें सामने आ रही हैंं।
रफो मीटर से सरफेस भी नहीं लिया जा रहा

करोड़ा रुपए की लागत से बन रही यह सड़क रायपुर के भनपुरी से बनना शुरू हुई थी। लेकिन सिमगा के पास पहुंचते-पहुंचे कई जगह खामियों से वाहन चालकों का सामना होता है। पुलिया वाले दायरे का निर्माण हो या सर्विस रोड अभी काम चल ही रहा है। क्वालिटी एेसी कि तेज रफ्तार वाहन लहराते हुए निकलते हैं। जानकारों का कहना है कि सीमेंटीकरण सड़क का रफो मीटर से जांच भी नहीं की गई, इस वजह से पेंडुलेशन ज्यादा है। इससे दुर्घटनाएं अधिक होने से इनकार नहीं किया जा सकता है।
चार साल तक ठेकेदार की जिम्मेदारी

नेशनल हाइवे के रायपुर में क्षेत्रीय अधिकारियों का पूरा स्टाफ है, जिसे ठेकेदार के कार्यों पर नजर रखने के लिए पदस्थ किया गया है। लेकिन जैसे ही सड़क दरकने का मामला सामने आता है तो चुप्पी साध लाते हैं। बताया जाता है कि पहले यह सड़क 13 करेाड़ में बनना था, जिसकी लागत डेढ़ सौ करोड़ बढ़ाई जा चुकी है। सड़क निर्माण के साथ ही चार वर्षों तक मरम्मत और देखरेख की जिम्मेदारी ठेकेदार को करना है, एेसा ही एग्रीमेंट हुआ है।
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