यही वजह है कि अब केंद्रीय जेल को कोरोना कोविड-19 केयर सेंटर (COVID Care Center) बना दिया गया है। बिना लक्षण वाले मरीजों को जेल के अंदर ही रखा जा रहा है। जेल के 4 डॉक्टर इन्हें कोरोना ट्रीटमेंट प्रोटोकोल की तहत इलाज मुहैया करवा रहे हैं, तो रायपुर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमएचओ) कार्यालय के डॉक्टर भी लगातार निगरानी रखे हुए हैं। न सिर्फ रायपुर बल्कि प्रदेश की कई जेलों में कैदी-बंदी और पहरी संक्रमित पाए जा चुके हैं।
पत्रिका को मिली जानकारी के मुताबिक रायपुर केंद्रीय जेल में वायरस की आमद एक प्रहरी के जरिए ही हुई, जो सबसे पहले संक्रमित पाया गया था। उसे ही कोरोना सोर्स माना जा रहा है।
प्रहरी के संक्रमित पाए जाने के बाद उसकी संपर्क वाले प्रहरियों, ड्यूटी क्षेत्र में संपर्क में आए बंदियों की जांच करवाई गई। जिसके बाद 42 संक्रमित मिले। गौरतलब है कि 16 संक्रमित मिलने पर रायपुर कलेक्टर डॉ एस भारतीदासन और सीएमएचओ डॉ मीरा बघेल ने जेल का निरीक्षण किया था। उसके बाद कोरोना केयर सेंटर का प्लान तैयार हुआ था, जिसे अमल में लाया गया।
स्वास्थ्य सेवाएं के संचालक नीरज बंसोड़ ने कहा कि जेल में अगर कोई संक्रमित मिलता है, तो उसके उपचार संबंधित दिशा-निर्देश जारी किए जा चुके हैं। रायपुर केंद्रीय जेल के डीआईजी जेल मुख्यालय एवं अधीक्षक डॉ केके गुप्ता ने बताया कि थर्मल स्क्रीनिंग जारी है। मगर बिना लक्षण वालों की तभी पहचान होती है जब उन्हें कोई परेशानी हो। अपराधियों का आना-जाना रोक नहीं सकते। इनसे तो खतरा है ही।