शुक्रवार-शनिवार की रात करीब 12 बजे राजिम से एक युवक को घायल अवस्था में आंबेडकर अस्पताल लाया गया। एक्सीडेंट की वजह से उसके पैर व अन्य जगह पर चोट थी। युवक को अस्पताल में स्ट्रेचर पर लिटाया गया था। उस समय जूनियर डॉक्टर मौजूद थे। घायल युवक के साथ गए कैलाश राव और विक्रम ठाकुर ने ड्यूटी डॉक्टर से जल्द उपचार करने और वार्ड में ले जाने के लिए कहा। इससे डॉक्टर नाराज हो गया। इसके बाद स्ट्रेचर को ले जाने के लिए वार्डबॉय भी नहीं मिले।
परिजनों ने फिर डॉक्टर से वार्डबॉय के बारे में पूछा। इस पर डॉक्टरों ने कहा कि खुद ही स्ट्रेचर को वार्ड तक ले जाओ और भर्ती करवा लो। यह सुनकर परिजन भी भड़क गए और डॉक्टरों के व्यवहार का विरोध करने लगे। इससे नाराज होकर डॉक्टरों ने उनकी पिटाई शुरू कर दी। कैलाश और विक्रम को डॉक्टरों ने जमकर पीटा।
इसके बाद मौदहापारा पुलिस को सूचना दी। सूत्रों के मुताबिक युवक डॉक्टरों की लापरवाही और अनदेखी का वीडियो बनाने लगे थे। इससे डॉक्टर गुस्से में आ गए थे। बाद में पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों युवकों को थाने ले गई। मरीज के परिजनों ने थाने में शिकायत करने की कोशिश की, लेकिन शिकायत दर्ज नहीं हुई। बाद में परिजन वापस लौट गए। उल्लेखनीय है कि अस्पताल में इससे पहले भी कई बार डॉक्टर मरीज व उसके परिजनों की पिटाई कर चुके हैं। ऐसे डॉक्टरों के खिलाफ अस्पताल प्रबंधन कोई कड़ी कार्रवाई नहीं कर सका है।
रात में अस्पताल में झगड़ा होने की सूचना पर पुलिस पहुंची थी। फिलहाल दोनों पक्षों की ओर से कोई शिकायत पुलिस को नहीं मिली है।
राहुल तिवारी, टीआई, मौदहापारा, रायपुर
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