मार्केट या मॉल जाने से पूर्व एक कपड़े का थैला अवश्य साथ लेकर चलेंगे । सखी सहेली की अध्यक्ष सुनीता शर्मा ने बताया कि प्लास्टिक का उपयोग सिर्फ पर्यावरण को ही प्रदूषित नहीं करता, बल्कि हमारे स्वास्थ्य के लिए भी घातक है । डायरेक्ट किसी होटल से अथवा ऑनलाइन आर्डर के द्वारा भी अगर गर्म नाश्ता/ भोजन प्लास्टिक के डिब्बे में लाया जाता है,तो यह स्वास्थ्य के लिए उचित नहीं है ।
खाने के साथ यदि आपको चटनी चाहिए तो घर से डिब्बा ले जाइए पर पतली पोलिथिन की झिल्ली में चटनी लेकर मत आएं। क्योंकि खाना खाकर आप जो पॉलीथिन कचरे में फेंकते हो, उसे खाकर कई गौमाता असमय काल की ग्रास बन जाती है ।
यह कचरा कभी नष्ट नहीं होता जिससे पर्यावरण प्रदूषित होता है । ग्रुप में किरण खलखो ने कहा कि अपने घर से ही इसकी शुरुआत वो आज से करेंगी । आशा नागरिया ने कहा कि युवा पीढ़ी को इस दिशा में जागृत कर स्कूल कालेजों में अभियान चलाना उचित होगा ।
मीना बाघमार का मानना है कि हम महिलाएं घर मे ही स्वादिष्ट व्यंजन बनाये तो बाहर से पॉलीथिन में खाद्य सामग्री मंगाने की आवश्यकता ही नहीं होगी । सुनीता शर्मा ने पत्तियों से बने पुराने दोना पत्तल जो आजकल आकर्षक डिजाइन में उपलब्ध है, पुन: उपयोग करने की बात की ।
सपना तिवारी ने आज कपड़े के थैले में कागज के पैकेट में नाश्ता लाकर अभियान की शुरुवात की । सरोज पांडेय ने कहा कि कहीं भी ऐसे प्रतिबंधित पॉलीथिन की बिक्री होते देखें तो जरूर शिकायत दर्ज कराए । सुनीता शर्मा जूनियर ने प्लास्टिक प्रतिबन्ध पर एक कविता पठन किया ।
कोमल नायडू, सुमन वाजपेई, राखी पटेल, किरण बांधे, मोना चौधरी , संगीता पटेल, मधु यादव सहित सभी सदस्यों ने वन टाइम यूज पॉलीथिन और प्लास्टिक के बहिष्कार का संकल्प लिया ।