scriptरायपुर : नए-नए प्रयोग करना तो कोई शिक्षा विभाग से सीखे,सफलता के दावे बहुत पर हकीकत कुछ और,अब दूरस्थ शिक्षा का नया फंडा | Raipur: If someone learns from new education department, the claims of | Patrika News

रायपुर : नए-नए प्रयोग करना तो कोई शिक्षा विभाग से सीखे,सफलता के दावे बहुत पर हकीकत कुछ और,अब दूरस्थ शिक्षा का नया फंडा

locationरायपुरPublished: Jan 28, 2020 08:41:12 pm

Submitted by:

Shiv Singh

बैठक में भौतिकी, जीव विज्ञान, रसायन शास्त्र, गणित, अंग्रेजी, विषय-विशेषज्ञों ने अपने-अपने विषयों के कठिन पाठ पर चर्चा की। बैठक में राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के संचालक पी. दयानंद, संचालक लोक शिक्षण एस. प्रकाश, संयुक्त संचालक लोक शिक्षण डॉ. योगेश शिवहरे, सभी विषयों के विषय-विशेषज्ञ और राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के अधिकारी एवं विषय-विशेषज्ञ उपस्थित थे।

रायपुर : नए-नए प्रयोग करना तो कोई शिक्षा विभाग से सीखे,सफलता के दावे बहुत पर हकीकत कुछ और,अब दूरस्थ शिक्षा का नया फंडा

रायपुर : नए-नए प्रयोग करना तो कोई शिक्षा विभाग से सीखे,सफलता के दावे बहुत पर हकीकत कुछ और,अब दूरस्थ शिक्षा का नया फंडा

रायपुर. छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा विभाग शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के नाम पर नित नए-नए प्रयोग करता रहता है। एक प्रयोग के नतीजे निकले नहीं कि दूसरा और फिर तीसरा प्रयोग शुरू। परिणाम यह हो रहा है कि किसी भी एक प्रयोग में सफलता नहीं मिल रही है। अब एक नया प्रयोग किया जा रहा है।
इसके अंतर्गत राज्य के दूर-दराज क्षेत्रों के स्कूलों में अध्ययनरत कक्षा 9वीं, 10वीं, 11वीं और 12वीं के छात्रों को दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से शिक्षा प्रदान करने की योजना है। शिक्षा विभाग के अनुसार यह एक नवाचार है जिसमें प्रारंभिक तौर पर छह स्कूलों का चयन किया गया है। इनमें शासकीय हायर सेकण्डरी स्कूल चांपा बलौदाबाजार, नवापारा, सेल, बारना, खरोरा, खौना शामिल हैं। इसके सफल होने पर यह योजना पूरे राज्य के स्कूलों में लागू की जाएगी। प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा डॉ. आलोक शुक्ला द्वारा राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद में राज्य के विभिन्न स्कूलों में विषय विशेषज्ञों, प्राचायोज़्ं की बैठक लेकर दूरस्थ शिक्षा के संबंध में चर्चा की गई।
डॉ. आलोक शुक्ला ने प्राचार्यों को बताया कि कैसे विषय-विशेषज्ञों द्वारा तैयार की गई पाठ्य सामग्री को 5-6 मिनट के वीडियो पाठ के द्वारा विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान की जाएगी। उन्होंने इस पर चर्चा करते हुए बताया कि स्कूलों में निर्धारित समय-सारणी के अनुसार एक विषय की किसी इकाई पर आधारित पाठ को 20 मिनट समझाने के बाद विद्यार्थियों द्वारा अपनी समस्या को जूम एप के माध्यम से विषय-विशेषज्ञ से पूछा जाएगा। इसका तत्काल समाधान अनुभवी शिक्षकों द्वारा किया जाएगा और विद्यार्थियों को सौंपे गए कार्य का मूल्यांकन कर उसकी खामियों का निराकरण किया जाएगा।
बैठक में भौतिकी, जीव विज्ञान, रसायन शास्त्र, गणित, अंग्रेजी, विषय-विशेषज्ञों ने अपने-अपने विषयों के कठिन पाठ पर चर्चा की। बैठक में राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के संचालक पी. दयानंद, संचालक लोक शिक्षण एस. प्रकाश, संयुक्त संचालक लोक शिक्षण डॉ. योगेश शिवहरे, सभी विषयों के विषय-विशेषज्ञ और राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के अधिकारी एवं विषय-विशेषज्ञ उपस्थित थे।
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