सिंचाई विभाग खारुन नदी में पानी का स्रोत बढ़ाने के बजाय जगह-जगह एनीकट बनाने का ही काम किया। गंगरेल बांधा से पानी की सप्लाई कम होने की स्थिति में महादेवघाट से लेकर नदी पुल के आगे बने पुराने एनीकट सूख जाता है। इसी पसोपेश में सिंचाई विभाग के अधिकारी यह तय नहीं कर पाए हैं। क्योंकि गर्मी के दिनों में राजधानी के लोगों की प्यास बुझाने में काठाडीह इंटेकवेल की दो यूनिट सूख जाती है। इससे पेयजल आपूर्ति की समस्या का सामना करना पड़ता है। इसी बीच बिना पानी का स्रोत बढ़ाए चरौदा-भिलाई को भी खारुन नदी से लगभग 80 एमएलडी पानी बेचने का एग्रीमेंट किया गया है।
महादेवघाट के पास ही कराया सफाई
सिंचाई विभाग पानी बेचने का प्लान तो बना लिया, लेकिन महादेवघाट जैसे धार्मिक स्थल के पास से लेकर नदी पुल तक खारुन नदी की सफाई कराने में रुचि नहीं दिखाया। नदी में पानी कम होने पर चारों तरफ गंदगी पसरी हुई नजर आती है। सौंदर्यीकरण के नाम पर सिर्फ दोनों तरफ कंक्रीटीकरण किया गया है।
सिंचाई विभाग पानी बेचने का प्लान तो बना लिया, लेकिन महादेवघाट जैसे धार्मिक स्थल के पास से लेकर नदी पुल तक खारुन नदी की सफाई कराने में रुचि नहीं दिखाया। नदी में पानी कम होने पर चारों तरफ गंदगी पसरी हुई नजर आती है। सौंदर्यीकरण के नाम पर सिर्फ दोनों तरफ कंक्रीटीकरण किया गया है।
चरौदा-भिलाई नगर निगम से एग्रीमेंट होने के बाद ही इंटेकवेल का निर्माण कराया गया है। पाइप लाइन पूरी होने की स्थिति में ही पानी सप्लाई तय कर लिया जाएगा।
एके श्रीवास्तव, ईई सिंचाई विभाग
एके श्रीवास्तव, ईई सिंचाई विभाग