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रायपुर: कई बार ऐसा भी होता है कि लोग डिग्रियां ले लेते हैं लेकिन उनमें संस्कार नहीं होता: राज्यपाल उइके

कार्यक्रम में संस्थान की वार्षिक शैक्षिक पत्रिका कीर्तिमान का विमोचन भी किया गया। इस अवसर पर सांसद सुनील सोनी, संस्थान के अध्यक्ष बद्रीनाथ केशरवानी, संस्थान के प्रदेश सचिव जुड़ावन सिंह ठाकुर और भानु सोनी सहित विद्यार्थीगण और उनके परिजन तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

रायपुरJan 24, 2020 / 09:04 pm

Shiv Singh

रायपुर: कई बार ऐसा भी होता है कि लोग डिग्रियां ले लेते हैं लेकिन उनमें संस्कार नहीं होता: राज्यपाल उइके

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रायपुर. सरस्वती शिक्षा संस्थान जो आचार व्यवहार और आध्यात्मिकता की शिक्षा देते हैं, उससे विद्यार्थियों में राष्ट्रीयता की भावना पैदा होती है। साथ ही नेतृत्व के गुण भी विकसित होते हैं। यह बात राज्यपाल अनुसुईया उइके ने कही। वे आज सरस्वती शिक्षा संस्थान छत्तीसगढ़ द्वारा आयोजित मेधावी विद्यार्थियों के अलंकरण समारोह को संबोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि कई बार ऐसा भी होता है कि लोग डिग्रियां ले लेते हैं, परन्तु उनमें संस्कार नहीं होता है। सरस्वती शिक्षा संस्थान में शिक्षा के साथ संस्कार भी देते हैं। वह शिक्षा ही उपयोगी होती है, जो समाज और देश के लिए कार्य करने की प्रेरणा देती है। राज्यपाल ने इस अवसर पर मेधावी छात्र-छात्राओं का सम्मान किया।
उन्होंने कहा कि सरस्वती शिक्षा संस्थान ऐसा नाम है, जो सुनाई देते ही मन में संस्कार देने वाली संस्था की तस्वीर मन मस्तिष्क में आ जाती है। यहां की सबसे बड़ी विशेषता है कि यहां पर अमीर-गरीब किसी भी वर्ग का विद्यार्थी न्यूनतम शुल्क पर बहुत ही सुलभ तरीके से शिक्षा प्राप्त कर सकता है। राज्यपाल ने कहा कि सिर्फ शहरों में ही नहीं, गांवों-दूरस्थ और आदिवासी क्षेत्रों में इस संस्थान की पाठशाला नि:स्वार्थ और समर्पण भाव से शिक्षण कार्य में रत है। आज जब बड़ी संख्या में कई कार्पोरेट जगत से जुड़े हुए स्कूल मौजूद हैं।
राज्यपाल ने कहा कि सभी विद्यार्थी कठिन परिश्रम, पूरे लगन और लगातार प्रयासों से पढ़ाई कर अपनी उत्कृष्ट मेधा और अध्ययन क्षमता का परिचय दिया है। यही कारण है कि प्रावीण्य सूची में आपने अपना नाम दर्ज कराकर अपने घर-परिवार, स्कूल, गांव-शहर और राज्य का नाम गौरवान्वित किया है। उन्होंने कहा कि समस्याएं और प्रतिस्पर्धाएं आज के जीवन की सामान्य बातें हैं। इन सबसेे जूझते हुए आपको आगे बढऩा है और जीतना है।

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