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87 करोड़ होने के बाद भी रायपुर नगर-निगम अपने ही कर्मचारियों को नहीं दे पा रहा जनवरी महीने की तनख्वाह, जानिए क्या है वजह

locationरायपुरPublished: Feb 16, 2022 09:55:32 am

Submitted by:

Ajay Raghuwanshi

घरों से तो प्रॉपर्टी टैक्स-यूजर चार्ज मिल रहा है, लेकिन दुकान, बाजार, फैक्ट्रियों और शो-रूम से उम्मीदों के अनुरूप नहीं। एक महीने के वेतन में निगम का 17 करोड़ रुपए खर्च होता है। वेतन के मामले में नगर-निगम बैकफुट पर है।

87 करोड़ होने के बाद भी रायपुर नगर-निगम अपने ही कर्मचारियों को नहीं दे पा रहा जनवरी महीने की तनख्वाह, जानिए क्या है वजह

87 करोड़ होने के बाद भी रायपुर नगर-निगम अपने ही कर्मचारियों को नहीं दे पा रहा जनवरी महीने की तनख्वाह, जानिए क्या है वजह

— निगम कर्मचारियों को नहीं मिली है जनवरी का वेतन

— 10 जोन में प्रॉपर्टी टैक्स जमा नहीं करने वाले व्यवसायिक संस्थानों को किया जाएगा सीलबंद

रायपुर. निगम के खजाने में 87 करोड़ की राशि होने के बाद भी वह अपने ही कर्मचारियों को जनवरी महीने का वेतन नहीं दे पा रहा है। इधर कर्मचारियों ने वेतन नहीं मिलने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दे दी है। इसकी बड़ी वजह यह है कि नगर-निगम के स्थापना व्यय में 17 करोड़ रुपए की राशि नहीं है, जिस मद से निगम कर्मचारियों को तनख्वाह देनी है। इसमें राशि की कमी हो चुकी है। इसलिए प्रॉपर्टी टैक्स और यूजर चार्ज से 87 करोड़ रुपए प्राप्त होने के बाद भी निगम इन पैसे का उपयोग तनख्वाह के लिए नहीं कर पा रहा है।
रायपुर नगर-निगम में पहली बार अधिकारी-कर्मचारियों को वेतन के लाले पड़ गए हैं। घरों से तो प्रॉपर्टी टैक्स-यूजर चार्ज मिल रहा है, लेकिन दुकान, बाजार, फैक्ट्रियों और शो-रूम से उम्मीदों के अनुरूप नहीं। जानकारी के मुताबिक एक महीने के वेतन में निगम का 17 करोड़ रुपए खर्च होता है। वेतन के मामले में नगर-निगम बैकफुट पर है। राजस्व वसूली की कमजोर स्थिति और काम के बाद भी वेतन नहीं मिलने के मामले में निगम कर्मचारी महासंघ ने चेतावनी दी है कि यदि 17 फरवरी तक वेतन नहीं मिला तो वे उग्र कदम उठाएंगे।
पिछले साल 75 फीसदी हो गई थी वसूली
निगम के राजस्व के हालातों पर गौर करें तो अभी प्रॉपर्टी टैक्स की 58 फीसदी ही वसूली हो पाई है, जबकि गत वर्ष फरवरी महीने में यह 70 से 75 फीसदी थी। यही स्थिति यूजर चार्ज को लेकर हैं। प्रॉपर्टी टैक्स में 150 करोड़ से अधिक का लक्ष्य रखा गया है, जबकि राजस्व संग्रहण सिर्फ 87 करोड़ हो पाया है।
पुराना बकाया 10 करोड़ से अधिक
लगातार दबाव के बाद अब निगम ने प्रॉपर्टी टैक्स और यूजर चार्ज पर एक्शन लेने का निर्णय लिया है। कई वर्षों से प्रॉपर्टी टैक्स की राशि जमा नहीं करने वाले बकायादारों के खिलाफ नगर-निगम ने आखिरी नोटिस जारी किया है। निगम ने 10 जोन के बकायादारों की सूची जारी कर दी है, जिसमें 10 करोड़ से अधिक प्रॉपर्टी टैक्स का बकाया बताया जा रहा है। इसमें 100 से अधिक ऐसे बकायादार हैं, जिस व्यवसायिक संस्थानों से 3 हजार से लेकर 7 लाख से अधिक की वसूली करनी है। उदाहरण के तौर पर जोन-1 को संत कबीर दास वार्ड क्रमांक 3 के झोकोटिया इस्पात जयकिशन झोकोटिया से 6 लाख 53 हजार 796 रुपए, यतियतन लाल वार्ड के चिंतन मोह से 4 लाख 42 हजार 404 रुपए, मणकष्या बिल्डर्स एण्ड डेव्हलेपर्स अनिल अग्रवाल से 4 लाख 14 हजार 414 रुपए, जोन 2 के तहत आने वाले वार्ड क्रमांक-36 में सैय्यद खान से 2 लाख 40 हजार 421 रुपए, दंतेश्वरी ट्रांसपोर्ट कंपनी अनंद टॉकीज से 7 लाख 59 हजार 548 रुपए की वसूली करनी है। ऐसे अन्य जोनों में भी बड़े बकायादार शामिल हैं।

महापौर एजाज ढेबर ने बताया कि अधिकारी-कर्मचारियों को शीघ्र तनख्वाह दी जाएगी साथ ही यह तय किया गया है कि राजस्व की मजबूत स्थिति के लिए राज्य सरकार के फैसले के अंर्तगत प्रॉपर्टी टैक्स-यूजर चार्ज नियमों के तहत लिया जाएगा। इसमें व्यवसायिक-आवासीय कोई भी सेक्टर में किसी प्रकार की राहत नहीं दी जाएगी। निगम ऑटोनॉमस बॉडी है। यदि राजस्व नहीं मिले तो ऐसी स्थिति आती है। इसलिए अब लोगों को भी जिम्मेदारी समझकर राजस्व देना चाहिए। निगम अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि राजस्व नहीं देने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएं।

रायपुर नगर-निगम
कुल अधिकारी-कर्मचारी- 6000
नियमित-1400
पेंशनर-1000 के करीब
सफाई-3600

प्रॉपर्टी टैक्स लक्ष्य-150 करोड़
वर्तमान वसूली- 87 करोड़
कुल वसूली- 58 फीसदी

87 करोड़ होने के बाद भी रायपुर नगर-निगम अपने ही कर्मचारियों को नहीं दे पा रहा जनवरी महीने की तनख्वाह, जानिए क्या है वजह
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