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शराब दुकान वालों की पिटाई से अधमरा हो चुके गरीब को कोर्ट ले जाने पुलिसवालों ने मांगा 500,कस्टडी में हुई मौत,पत्नी ने लगाया हत्या का आरोप

locationरायपुरPublished: Jan 19, 2020 09:33:18 pm

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CG Desk

* तीन डॉक्टरों की टीम ने किया पोस्टमार्टम, हुई वीडियोग्राफी। * मारपीट से हुई मौत पर बनता है हत्या का अपराध, लेकिन दर्ज हुआ मारपीट का मामला। * धरसींवा पुलिस कस्टडी में मौत की न्यायिक जांच शुरू।

शराब दुकान वालों ने युवक को मार - मार के कर दिया अधमरा, पुलिस कस्टडी हुई मौत, मृतक की पत्नी ने लगाया हत्या का आरोप
रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी से एक दहलाने वाली खबर सामने आई है। मामूली चोरी के मामले में आबकारी और पुलिस का अमानवीय चेहरा सामने आया है। पिटाई के चलते असमय मौत के शिकार हुए नरेंद्र नायक (40) की पत्नी श्वेता लक्ष्मी नायक ने रविवार को मजिस्ट्रेट के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया। इस दौरान उन्होंने बताया कि सुबह चोरी के आरोप में शराब दुकान वालों ने पति को हाथ – पैर बांधकर बेदम पीटा। फिर पुलिस चौकी में छोड़ दिया। दोपहर तक पति बोलने और चलने – फिरने की स्थिति में नहीं थे। इसके बावजूद पुलिस वालों ने उन्हें अस्पताल नहीं भेजा। दोपहर बाद न्यायालय में पेश करने ले जाने के लिए पांच सौ रुपए की मांग की। मेरे पास केवल दो सौ रुपए थे। इसलिए उन्हें ऑटो में नहीं ले गए। दो आरक्षक बाइक में ही बैठाकर पति को न्यायालय ले गए। शाम को उनकी मौत होने की सूचना दी गई।
उल्लेखनीय है कि नरेंद्र को सिलतरा अंगे्रजी शराब दुकान में चोरी करने के आरोप में भट्टी वालों ने हाथ – पैर बांधकर पकड़ा । इसके बाद मैनेजर और अन्य लोगों ने उसकी जमकर पिटाई की। और सुबह करीब 9 बजे पुलिस को सूचना देकर सितलरा पुलिस चौकी भेज दिया गया। मारपीट से अधमरा हो चुके नरेंद्र की बोलने और चलने-फिरने की स्थिति नहीं थी। इसके बावजूद पुलिस ने उसे अस्पताल नहीं भेजा और न ही मुलाहिजा कराया। केवल चोरी का अपराध दर्ज कर लिया। इसके बाद दोपहर करीब 4 बजे उसे जेल भेजने के लिए रवाना कर दिया गया। जेल जाने से पहले उसकी मौत हो गई। इसके बाद एंबुलेंस बुलाकर उन्हें अंबेडकर अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे ब्रॉडडेड घोषित कर दिया।

शराब दुकान वालों की शिकायत नहीं सुनी पुलिस
सूत्रों के मुताबिक मृतक नरेंद्र से शराब दुकान के मैनेजर लोकेश्वर साहू, राजेश्वर गेंड्रे, वैभव, सुरक्षागार्ड नरेंद्र कुमार पठारी व नागेश्वर यादव आदि ने जमकर मारपीट की है। सुबह करीब 6 बजे नरेंद्र को उन्होंने फोन लगाया, तो उसने बताया कि शराब दुकान वाले दारू पिलाकर उसे पीट रहे हैं। यह सुनकर करीब 7 बजे अपने पड़ोसी को लेकर शराब दुकान पहुंची। वहां पहुंचने पर दुकान वालों ने गली-गलौज की और मारपीट करने की धमकी देते हुए भगा दिया। और उसके सामने ही पति को फिर पीटने लगे।

इसके बाद वह शराब दुकान वालों की शिकायत करने खमतराई थाने गई। खमतराई पुलिस ने मामले को धरसींवा थाना क्षेत्र बता दिया। इसके बाद महिला धरसींवा थाने गई, तो उन्हें सिलतरा पुलिस चौकी में शिकायत करने के लिए भेजा गया। श्वेता वहां पहुंची और घटना की जानकारी दी। इसके कुछ देर बाद शराब दुकान वाले डॉयल 112 की गाड़ी में नरेंद्र को लेकर चौकी पहुंचे। उस समय पति लगभग बेसुध हो गए थे। चलने और बोलने की स्थिति में नहीं थे। चौकी के आरक्षक दवाई लेकर आए।

न्यायिक जांच शुरू, मजिस्ट्रेट ने किया पंचनामा
मामले की गंभीरता को देखते हुए न्यायिक जांच शुरू कर दी गई है। रविवार को न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी पवन अग्रवाल की उपस्थिति में पंचनामा और पोस्टमार्टम किया गया। मृतक की पत्नी व बच्चों का बयान दर्ज किया गया है। पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी कराई गई है।

शराब दुकान वालों के खिलाफ मामूली अपराध
मृतक के शरीर में मारपीट के कई निशान मिलने से स्पष्ट है कि मारपीट के चलते उसकी मौत हुई है। इसके बावजूद पुलिस ने शराब दुकान के कर्मचारियों के खिलाफ मामूली धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया है। मृतक की पत्नी की रिपोर्ट पर धरसींवा पुलिस ने शराब दुकान के कर्मचारियों के खिलाफ धारा 294, 323, 34,341 के तहत अपराध दर्ज किया है। चौंकाने वाली बात है कि पुलिस ने एफआईआर में आरोपियों का नाम उजागर नहीं किया है।

रसूख का असर
आरोपियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने के बजाय मामूली धाराओं के तहत कार्रवाई करने के पीछे शराब दुकानों का संचालन का काम करने वाली प्लेसमेंट एजेंसी ए टू जेड का दबाव बताया जा रहा है। प्लेसमेंट एजेंसी एक रसूखदार नेता के रिश्तेदार चला रहा है। इसके चलते पुलिस आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं कर पा रही है। पुलिस ने दुकान के सीसीटीवी कैमरे का रिकार्ड भी जब्त नहीं किया है। उसमें भी छेड़छाड़ करने की चर्चा है।

इडली-डोसा बेचता था मृतक
मृतक नरेंद्र और उनकी पत्नी भनपुरी चौक में इडली-डोसा का ठेला लगाते हैं। उनका एक बेटा है। मृतक का चोरी का पुराना कोई रिकार्ड नहीं है और न ही अपराधिक प्रवृत्ति का है।

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