राजधानी के रहने वाले आलोक शर्मा ने आवाज- द वॉइस ऑफ सिटीजंस नाम का ग्रुप बनाया है जो फेसबुक पर भी अवेलेबल है। पांच लोगों से शुरू किए गए इस ग्रुप में आज करीब सौ मेंबर्स हैं। आलोक बताते हैं कि वे इसके माध्यम से स्लम एरिया में रहने वाले गरीब और असहाय बच्चों की मदद करते हैं। इसमें वे पढ़ाई से लेकर उनके रहने-खाने का सामान उपलब्ध कराते हैं। उनका कहना है कि एक बार वे कहीं जा रहे थे तब एक बच्चा दिखाई दिया जिसक पास स्कूल बैग नहीं था उसके पास जाकर देखा तो बैग की वजह पूछी। तब लगा कि शहर में ऐसे कई बच्चे होंगे जो आर्थिक तंगी की वजह से पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं तब उनके लिए यह ग्रुप बनाया। हम सभी स्लम एरिया में जाकर वहां के बच्चों की पढ़ाई का जिम्मा लेते हैं तथा हर रविवार उन्हें पढ़ाते हैं। यह सिलसिला पिछले तीन वर्षों से जारी है।
राजधानी के संदीप धुप्पड़ का मिशन संभव ग्रुप यानि सुरक्षित भव: फाउंडेशन सड़क सुरक्षा संबंधी जानकारियों को लोगों तक पहुंचाने का जिम्मा लिया है। उन्होंने मिशन संभव के माध्यम से ट्रेफिक से रिलेट सभी जानकारी को लोगों तक पहुंचाते हैं। अगर आपने शहर के चोक-चौराहों पर यातायात संबंधी ऑडियो सुनें हो तो यह संदीप के ग्रुप का ही काम है। वे इसके अलावा समस्त जागयक अभियान जैसे बेटी बचाओ, पर्यावरण सरंक्षण, शिक्षा और समाज की कुप्रथाओं के प्रति लोगों को जागरूक करते हैं। इसके अलावा वीडियो क्लिप बनाकर यातायात से रिलेट चीजों को सोशल मीडिया पर अपलोड करते हैं। मिशन संभव की शुरूआत जुलाई 2013 में हुई थी जो अभी तक प्रदेश के दस शहरों में पहुंच चुकी है।