केवल आईटीएमएस के भरोसे
यातायात पुलिस की कार्रवाई वर्तमान में केवल आईटीएमएस के भरोसे चल रही है। आईटीएमएस के कैमरे शहर के गिने-चुने चौक-चौराहों पर लगे हुए हैं। इसकी मदद से चौराहों पर ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों का ई-चालान काटा जा रहा है, लेकिन ज्यादातर चालान तामिल नहीं हो पाते हैं। बिना हेलमेट वालों को भी इसी के जरिए ई-चालान भेजा जा रहा है। कई लोगों को यह तामिल नहीं हो रहा है। यही वजह है कि हेलमेट को लेकर लोग गंभीर नहीं हो रहे हैं।
दर्जन भर स्वाइप मशीन भी बेकार
पिछले साल डीजीपी ने ट्रैफिक चालान को कैशलैस करने का आदेश दिया था। इसमें किसी भी तरह से नगद राशि देने पर रोक लगाई थी। इसके बाद रायपुर ट्रैफिक पुलिस ने दर्जन भर स्वाइप मशीन लिया था। और चेकिंग पाइंट पर स्वाइप मशीन के जरिए वाहन चालकों से चालान की राशि ली जा रही थी, जो सीधे यातायात पुलिस के खाते में जा रही थी। अब स्वाइप मशीन का उपयोग बंद हो गया है। कहीं चेकिंग होता है, तो चालान राशि नगद ले लिया जा रहा है।
टारगेट में दूसरे शहर के वाहन
यातायात पुलिस की चालान कार्रवाई कहीं-कहीं चल रही है, लेकिन उसमें बिना हेलमेट वालों कार्रवाई नहीं हो रही है। केवल दूसरे जिले के वाहन, मालवाहक वाहनों को ही टारगेट किया जा रहा है। इनमें दस्तावेजों की कमी, फिटनेस व अन्य चीजें देखी जा रही है।
हेलमेट है जरूरी
वर्ष 2020 में पूरे राज्य में दोपहिया वाहन से 6425 सड़क हादसे हुए। इनमें से 2 हजार 894 लोगों की मौत हो गई। यह मौतें अन्य वाहनों से हादसों से ज्यादा 62.8 फीसदी है। और इन हादसों में 50 प्रतिशत से ज्यादा जान केवल हेलमेट नहीं पहनने के कारण हुई है, क्योंकि उनके सिर में गंभीर चोटें आई थी। अगर इन लोगों ने हेलमेट पहना होता, तो उनके सिर में गंभीर चोट नहीं आती और उनकी जान बच सकती थी।