scriptकोरोना की दवा हाइड्रोक्सी-क्लोरोक़्वीन के लिए सबसे पहले रायपुर के डॉक्टर ने दिया था प्रस्ताव, मिली मंजूरी | Raipur's doctor first proposed for Corona's drug hydroxychloroquine | Patrika News

कोरोना की दवा हाइड्रोक्सी-क्लोरोक़्वीन के लिए सबसे पहले रायपुर के डॉक्टर ने दिया था प्रस्ताव, मिली मंजूरी

locationरायपुरPublished: Mar 28, 2020 10:55:03 am

Submitted by:

Ashish Gupta

भारत में सबसे पहले रायपुर डॉ भीमराव अंबेडकर के टीबी एंड चेस्ट विभागाध्यक्ष डॉ आर के पंडा ने इसके इस्तेमाल का प्रस्ताव कोरोना कोर कमेटी के सामने रखा था।

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रायपुर. मलेरिया की दवा हाइड्रोक्सी-क्लोरोक़्वीन (Hydroxychloroquine) वायरस (Coronavirus) संक्रमित व्यक्ति या फिर संदिग्ध मरीजों पर इस्तेमाल की जा सकती है। केंद्र सरकार ने इस पर अपनी मंजूरी दे दी है और इसके आदेश भी जारी कर दिए हैं। सबसे पहले अमेरिका ने इस दवा का इस्तेमाल कोरोना मरीजों पर किया था।
मगर भारत में सबसे पहले रायपुर डॉ भीमराव अंबेडकर के टीबी एंड चेस्ट विभागाध्यक्ष डॉ आर के पंडा ने इसके इस्तेमाल का प्रस्ताव कोरोना कोर कमेटी के सामने रखा था। कमेटी की अध्यक्ष एवं स्वास्थ्य सचिव निहारिका बारिक ने इस्तेमाल पर अनुमति देने के साथ-साथ यह भी कहा था कि यह प्रस्ताव मेडिकल कॉलेज रायपुर की एथिकल कमेटी के समक्ष रखा जाए।
डॉ पंडा इस दिशा में कार्यरत हैं। पत्रिका ने सबसे पहले बताया था कि यह दवा मलेरिया के मरीजों पर छत्तीसगढ़ में इस्तेमाल होगी। इसके बाद तो दवा की खरीदी एकाएक कई कई गुना बढ़ गई। स्थिति यह थी कि राज्य सरकार के आदेश पर राज्य खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग को दवा की बिक्री डॉक्टरों के प्रिसक्रिप्शन के आधार पर ही किए जाने संबंधी आदेश निकालना पड़ गया। पत्रिका ने यह खबर भी सबसे पहले प्रकाशित की थी।
डॉ भीमराव अंबेडकर के टीबी एंड चेस्ट के विभागाध्यक्ष डॉ आर के पांडे ने बताया कि मैंने इस दवा के इस्तेमाल का प्रस्ताव रखा था और अभी तीन मरीजों को दवा देने भी जा रहा हूं। यह अच्छी खबर है कि केंद्र सरकार ने भी इसके इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है।

एच-1 केटेगरी में दवा

हाइड्रोक्सी-क्लोरोक़्वीन का बेजा इस्तेमाल न हो, इसलिए केंद्र सरकार ने दवा को एच-1 केटेगरी में रख दिया है। 26 मार्च को राजपत्र में इसका प्रकाशन भी हो गया। राज्य के सहायक औषधि नियंत्रक बेनीराम साहू का कहना है कि सभी मेडिकल स्टोर संचालकों को निर्देशित किया गया है कि इसका इस दवा का पूरा रिकॉर्ड रखें। उनसे कभी भी इस संबंध में पूछताछ की जा सकती है।
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