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रायपुर: उपयोग के बाद बचे धान से करेंगे बायोएथेनॉल उत्पादन, नीति आयोग के उपाध्यक्ष व सीईओ से मिले राज्य के अफसर

locationरायपुरPublished: Jan 24, 2020 09:39:50 pm

Submitted by:

Shiv Singh

अजय सिंह ने राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति 2018 के दिशा-निर्देशों के अनुसार धान आधारित जैव एथेनॉल उत्पादन इकाईयों को कृषि मंत्रालय से हर साल अनुमति लेने की अनिवार्यता को समाप्त करने का आग्रह किया। सिंह ने कहा कि यह प्रावधान व्यवहारिक नहीं है और इसे दूर करने की जरूरत है। इस मौके पर छत्तीसगढ़ राज्य योजना आयोग के सदस्य सचिव देवसेनापति भी उपस्थित थे।

रायपुर: उपयोग के बाद बचे धान से करेंगे बायोएथेनॉल उत्पादन, नीति आयोग के उपाध्यक्ष व सीईओ से मिले राज्य के अफसर

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रायपुर. छत्तीसगढ़ राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष अजय सिंह ने नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार और सी.ई.ओ. अमिताभ कांत से मुलाकात की। इस दौरान अजय सिंह ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा छत्तीसगढ़ में चावल आधारित बायोएथेनॉल उत्पादन इकाई की स्थापना के संबंध में भेजे गए पत्र को उन्हें सौंपा।
अजय सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति 2018 के अनुरूप छत्तीसगढ़ में धान आधारित बायोएथेनॉल उत्पादन इकाईयों की स्थापना को प्रोत्साहित करने का निर्णय लिया है। राज्य में खरीदे गए धान के उपयोग के बाद शेष बचे धान से बायोएथेनॉल उत्पादन करने का निर्णय लिया है। बायोएथेनॉल निर्माण के क्षेत्र में निजी निवेश को आकर्षित करने के लिए राज्य सरकार ने भारत सरकार से दो प्रमुख मुद्दों पर सहमति देने का आग्रह किया है। जिसमें उत्पादित बायोएथेनॉल की बिक्री को प्रोत्साहित करने के लिए आकर्षक बिक्री दर निर्धारित होनी चाहिए साथ ही चीनी, चीनी सीरप आधारित इथेनॉल के साथ धान आधारित जैव एथेनॉल की दर भी तय करना शामिल हैं। अजय सिंह ने राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति 2018 के दिशा-निर्देशों के अनुसार धान आधारित जैव एथेनॉल उत्पादन इकाईयों को कृषि मंत्रालय से हर साल अनुमति लेने की अनिवार्यता को समाप्त करने का आग्रह किया। सिंह ने कहा कि यह प्रावधान व्यवहारिक नहीं है और इसे दूर करने की जरूरत है। इस मौके पर छत्तीसगढ़ राज्य योजना आयोग के सदस्य सचिव देवसेनापति भी उपस्थित थे।

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