आईआईटी में दाखिले के लिए जेईई की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स और उनके पैरेंट्स कई तरह की अवधारणाओं से घिरे रहते हैं
रायपुर. आईआईटी में दाखिले के लिए जेईई की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स और उनके पैरेंट्स कई तरह की अवधारणाओं से घिरे रहते हैं। अपने होनहार की पढ़ाई की चिंता करने वाले पैरेंट्स के लिए यह लाजमी भी है। मगर कुछ अवधारणाएं ऐसी भी होती है, जिनसे बचना ही बेहतर होता है। एक्सपर्ट के अनुसार जेईई से जुड़ी कुछ अहम बातें ध्यान रखने रखना जरूरी है। कुछ सक्सेस टिप्स और गलत फहमियों से बचना जरूरी है।
सेल्फ स्टडी सबसे जरूरी
कोचिंग में ज्यादा समय बिताना सेल्फ स्टडी से बेहतर होता है। लेकिन सत्य यह है कि आप सेल्फ स्टडी को समय नहीं दे पा रहे हों तो कोचिंग में पढऩे का कोई फायदा नहीं है। अगर आपको अपने विषय को गहराई में समझना है तो घर में पढ़ाई के लिए समय निकालना जरूरी है। प्रतिदिन कम से कम 4 घंटे सेल्फ स्डटी को देना ही होगा।
किताबों को लेकर गलती न करें
एक ही टॉपिक को बहुत सी किताबों से पढऩा आपको आईआईटी तक पहुंचा सकता है। सत्य इससे अलग है, आप एक ही किताब से सारे टॉपिक्स को पढऩे और उनको बार-बार रिवाइज करके अपने सब्जेक्ट पर मजबूत पकड़ बना सकते हैं।
शेड्यूल पर असर नहीं
अगर आप जेईई की तैयारी कर रहे हैं तो आपकी स्कूल की पढ़ाई को उससे नुकसान पहुंचता है। जबकि सच्चाई यह है कि आप जेईई जैसी किसी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो आपके बेसिक कांसेप्ट उससे मजबूत होते हैं। इससे आप स्कूल की परीक्षा में और बेहतर अंक हासिल कर सकते हैं।
अगर आप पुराने सफल छात्रों से सलाह लेते हैं तो वो आपको सफल होने में मदद करेगा। लेकिन सफल छात्रों की बात सुनना अच्छी बात है मगर एक अनुभवी टीचर आपको आपकी क्षमता के अनुसार सही सलाह देगा जो ज्यादा फायदेमंद साबित होगा।
टेस्ट सीरिज सब कुछ नहीं
अगर आप टेस्ट सीरिज में अच्छा नहीं कर पा रहे हैं तो चयन नहीं हो सकता। लेकिन सच्चाई यह है कि सभी कोचिंग की टेस्ट सीरिज जेईई के पेपर से काफी कठिन होती है। ऐसी टेस्ट सीरिज ज्वॉइन करें जो जेईई परीक्षा के पैटर्न की तरह पेपर बनाती हो।
कोचिंग नहीं कराएगी सलेक्शन
आप किसी जानी-मानी कोचिंग में एडमिशन लेते हैं तो आपका सलेक्शन होना तय है। सत्य इससे अलग है। कोचिंग आपको सफलता दिलाने में मदद कर सकती है पर निश्चित नहीं कर सकती। जो कोचिंग प्रत्येक विद्यार्थी पर बराबर ध्यान दे वहां जाना बेहतर है। ऐसी संस्था में आपको अपने प्रश्नों के उत्तर आसानी से एवं बेहतर तरीके से मिलेगें।
टाइम की क्वालिटी अहम
अगर आप 6 घंटो से ज्यादा पढ़ रहे हैं तो आप निश्चित ही आईआईटी में पहुंच जाएंगे। लेकिन सत्य यह है कि ऐसा जरूरी नहीं है कि ज्यादा घंटो की पढ़ाई आपकी सफलता की सीढ़ी बन सकती है। आप जितनी भी पढ़ाई कर रहे हैं उसे पूरी एकाग्रता के साथ करने से ही यह चमत्कार संभव हो सकता है। अंकों के पीछे भागने से ज्यादा जरूरी है कि सब्जेक्ट को आनंद के साथ पढ़ा जाए।
अकेले पढऩा बेहतर
विद्याॢथयों का सोचना है कि समूह में अध्ययन करना उनको सफल होने में मदद करता है। जबकि सत्य यह है कि जब आप समूह में पढ़ते हैं तो आपका पढ़ाई पर फोकस कम हो जाता है, जिससे समय की बर्बादी होती है और आपके सोचने की क्षमता कम हो जाती है।