उन्होंने कहा कि इस वर्ष प्रदेश में किसानों से रिकॉर्ड 83 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी समर्थन मूल्य पर की गई है। वर्ष 2018-19 में जितने किसानों ने पंजीयन कराया था उसका 92.54 प्रतिशत किसानों ने धान समर्थन मूल्य पर बेचा। इसी तरह वर्ष 2019-20 में 93.11 प्रतिशत किसानों ने धान बेचा जबकि पिछली सरकार के कार्यकाल में वर्ष 2015-16 में 83 प्रतिशत किसानों ने और वर्ष 2017-18 में केवल 76 प्रतिशत किसानों ने धान बेचा।
माओवाद पर भी बोले सीएम
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में विश्वास, विकास और सुरक्षा की नीति पर कार्य कर रही है, जिससे आदिवासियों का और आम जनता का राज्य सरकार और पुलिस के प्रति विश्वास बढ़ा है। पिछले वर्ष की तुलना में माओवादी घटना 35 प्रतिशत की कमी आयी। सुरक्षाबलों की शहादत में 62 प्रतिशत की कमी और आम नागरिकों की हत्या के मामले में 48 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई। पिछले एक वर्ष में बड़े माओवादी या तो मुठभेड़ में मारे गए या उन्होंने आत्मसमर्पण किया। प्रदेश में हुई अपहरण की घटनाओं को पुलिस ने तत्परता के साथ हल किया। रायपुर में हुई अपहरण की घटना पर पुलिस की सफल कार्रवाई की पूरे देश में सराहना की जा रही है। बघेल ने इसके लिए छत्तीसगढ़ पुलिस की सराहना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों में विश्वास की बहाली के लिए बस्तर के लोहांण्डीगुड़ा के दस गांवों में 1700 किसानों को 4200 एकड़ जमीन वापस की गयी। तेन्दूपत्ता संग्रहण की दर बढ़ाकर 4000 रूपए प्रति मानक बोरा की गई और शासकीय दर पर खरीदी की जाने वाली लघु वनोपजों की संख्या 8 से बढ़ाकर 22 की गई। जेलों में बंद निरपराध आदिवासियों को रिहा करने के लिए जस्टिस पटनायक की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है।
बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 40 प्रतिशत परिवार गरीबी की रेखा के नीचे जीवन-व्यापन करते हैं। 37 प्रतिशत बच्चे कुपोषित हैं और 41 प्रतिशत से अधिक महिलाओं को एनीमिया है। आदिवासी बहुल क्षेत्रों और विशेषकर दंतेवाड़ा जिले में यह प्रतिशत इससे कहीं ज्यादा है। राज्य सरकार ने कुपोषण दूर करने के लिए मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान की शुरूआत की है। इसी तरह मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना के माध्यम से दूरस्थ अंचलों में स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचायी जा रही है। डीएमएफ की राशि का उपयोग अब प्रभावित क्षेत्रों के लोगों के जीवन स्तर में सुधार की योजनाओं में किया जाएगा। ताड़मेटला और जगरगुण्डा जैसे घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में 13 वषोज़्ं से बंद स्कूल फिर प्रारंभ हुए जहां 305 बच्चे पढ़ रहे हैं।
अमेरिका दौरे का भी किया जिक्र
बघेल ने हाल ही के अपने हार्वर्ड और अमेरिका के दौरे का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे छत्तीसगढिय़ों का स्वाभिमान बढ़ा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की कार्यप्रणाली पर छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय कृषि कर्मण पुरस्कार, पंचायत एवं ग्रामीण विकास के क्षेत्र में 22 पुरस्कार, मनरेगा में 7, प्रधानमंत्री आवास योजना में 9 पुरस्कार मिले। आकांक्षी जिलों में छत्तीसगढ़ का सुकमा जिला अव्वल रहा। कुपोषण मुक्ति में कोण्डागांव अव्वल रहा। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग के क्षेत्र में स्टॉर्ट-अप में छत्तीसगढ़ पुरस्कृत हुआ है।
मेरी गंगा में स्नान करो
मेरे सुख से है जलन अगर
चुल्लू भर जल में डूब मरो
मेरी मां-बहनों के सिर पर
यह शांति सत्य की गागर है
खारी मीठी नदियां मिलतीं
मेरा भारत एक सागर है
हम कालजयी हैं, वीर पुरूष
चलता रहता है यज्ञ-समर
हम राम, युद्ध करके हमसे
कितने रावण हो गये अमर
वेदान्त हमारा स्वाभिमान
शिष्टता हमारी सीता है
हर शब्द हमारा सिद्ध मन्त्र
हर सांस हमारी गीता है