scriptरायपुर : डोंगरगांव में तीन दिवसीय मड़ई-मेला शुरू, मंत्री बोली-ये मेला बचपन की याद दिलाते हैं | Raipur: Three-day madai-mela begins in Dongargaon, minister bid-these | Patrika News

रायपुर : डोंगरगांव में तीन दिवसीय मड़ई-मेला शुरू, मंत्री बोली-ये मेला बचपन की याद दिलाते हैं

locationरायपुरPublished: Feb 17, 2020 08:33:34 pm

इस अवसर पर राजनांदगांव नगर निगम की महापौर हेमा देशमुख ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ का नारा दिया है। सरकार की मंशा है कि हम छत्तीसगढ़ को ऐसे रूप में गढ़े कि उनका नाम देश में ही नहीं अपितु पूरे विश्व में हो।
 

रायपुर : डोंगरगांव में तीन दिवसीय मड़ई-मेला शुरू, मंत्री बोली-ये मेला बचपन की याद दिलाते हैं

रायपुर : डोंगरगांव में तीन दिवसीय मड़ई-मेला शुरू, मंत्री बोली-ये मेला बचपन की याद दिलाते हैं

रायपुर. महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेडिय़ा राजनांदगांव जिले के विकासखंड मुख्यालय डोंगरगांव के जनसेवा मैदान में आयोजित तीन दिवसीय लोक मड़ई और कृषि मेले के दूसरे दिन आयोजित कायज़्क्रम में शामिल हुई। भेडिय़ा सबसे पहले विभिन्न विभागों द्वारा मेले में लगाए हुए स्टॉलों का अवलोकन किया। भेडिय़ा ने कार्यक्रम में सेवता टोला से संबंधित स्मारिका का विमोचन किया। मेले में सेवता टोला के संबंध में झांकी बनाई गई है। जिसमें सेवता समाज द्वारा अंग्रेजी हुकूमत में बेगारी प्रथा के विरोध में किए गए किसान आंदोलन की झांकियां प्रदर्शित की गई है। महिला एवं बाल विकास मंत्री ने सेवता टोला झांकी का अवलोकन भी किया।
महिला एवं बाल विकास मंत्री भेडिय़ा ने कहा कि यह मड़ई-मेले बचपन की याद दिलाते हैं। इसके लिए उन्होंने विधायक दलेश्वर साहू को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ी कला-संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए विधायक साहू ने जो प्रयास किए हैं वह बहुत ही सराहनीय है। भेडिय़ा ने मड़ई में सेवता टोला की झांकी को देखकर डोंगरगांव क्षेत्र के क्रांतिकारियों को याद करते हुए कहा कि अंग्रेजों से अपने हक के लिए लड़ाई की शुरूआत छश्रीसगढ़ के आदिवासियों ने की है। छत्तीसगढ़ के क्रांतिकारी सेवता ठाकुर, परलकोट के गैंदसिंह और वीर नारायण सिंह सभी आदिवासी समाज के क्रांतिकारी थे। इन क्रांतिकारियों ने अंग्रेजों के अत्याचार और लगान वसूली से आम जनता को बचाने के लिए लड़ाई लड़ी और कुर्बानियां दी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के क्रांतिकारियों का देश को आजाद कराने में महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
डोंगरगांव विधायक एवं लोक मड़ई के संरक्षक दलेश्वर साहू ने कहा कि प्रदेश सरकार को छत्तीसगढ़ की कला-संस्कृति, तीज-त्यौहारों और ग्रामीण सांस्कृतिक परंपराओं की गहरी समझ है। खुज्जी विधायक छन्नी साहू ने कहा कि छत्तीसगढ़ की परंपरा है कि गांव में खेती करने के बाद मड़ई का आयोजन किया जाता है।
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