एक ओर जहां नकदी का अभाव बना हुआ है, वहीं छोटे नोटों की भी किल्लत जारी है। नकदी की कमी के चलते कारोबारी गतिविधियां लगभग थम-सी गई हैं।
रायपुर. नोटबंदी के 42 दिन बाद भी बाजार में स्थिति सामान्य नहीं हो पाई है। एक ओर जहां नकदी का अभाव बना हुआ है, वहीं छोटे नोटों की भी किल्लत जारी है। नकदी की कमी के चलते कारोबारी गतिविधियां लगभग थम-सी गई हैं। अभी भी लोग केवल बहुत जरूरी वस्तुओं की खरीदारी कर रहे हैं। लोग बड़ी उत्सुकता से 31 दिसंबर का इंतजार कर रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि अगले माह से बैंकों से पैसा निकालने की लिमिट खत्म हो जाएगी।
व्यापारियों से लेकर जनता तक परेशान
10, 20 व 50 रुपए के नए नोट आने में अभी समय लगेगा। संभव है नए साल में ही यह आएंगे। हालांकि यह भी तय नहीं है। गौरतलब है, एटीएम से निकल रहे 2000 के नए नोट से व्यापारियों से लेकर आम जनता तक परेशान है। दैनिक उपयोग की चीजें खरीदनें के लिए लोगों को समस्या का समाना करना पड़ रहा है। बैंक अधिकारियों के मुताबिक, आरबीआई ने 10, 20 व 50 रुपए के नए नोट जारी करने का एेलान तो कर दिया है, लेकिन ये कब जनता के हाथ में पहुंचेंगे इसकी तारीख के बारे में कोई सूचना नहीं है।
2000 के नोट बंद होने की अफवाह
बाजार में 2000 के नए नोट बंद होने की अफवाह फैली है, इसलिए व्यापारी नए नोट लेने से कतरा रहे हैं। एेसी स्थिति में अधिकतर लेनदेन 100 और 500 के नोट पर करने को कह रहे हैं। एक हजार की नोट को ये कहकर नहीं लिया जाता कि उनके पास चेंज नहीं हैं।
खप गए 250 करोड़ के सोने
नोटबंदी लागू होने के बाद रायपुर में 250 करोड़ रुपए का सोना खप गया। ब्लैकमनी पकड़े जाने के डर से लोगों ने जमकर खरीदी की। इसके चलते महीनेभर में होने वाली कुल बिक्री की कसर सप्ताहभर में हो गई थी। कारोबारी भी अफरा-तफरी का माहौल देखकर सोने और प्लेटिनियम की कीमतों को तीन गुना बढ़ा दिया था। इसके बाद भी बाजार में ब्लैकमनी से खरीदारी होती रही। नोटों के प्रचलन से बाहर होने का हवाला देकर स्टॉक नहीं होने के बाद भी बुकिंग कराई गई। सप्ताहभर में ही सराफा बाजार में करोड़ों रुपए का धन बरस गया। इसकी भनक मिलने के बाद आयकर विभाग की टीम ने बाजार में सक्रिय हुई।