अगस्त सितंबर व अक्टूबर 2017 में राज्य के 17 शहरों में कीट से मितानिनों द्वारा पेयजल की जांच की गई थी। जिससे 2877 पेयजल श्रोतों से लिए गए सैंपलों से 680 सैंपल दूषित पाया गया है। पूरे में प्रदेश सबसे अधिक दूषित जल रायपुर के लोग पी रहे हैं। इसके अलावा नगर निगम के पानी में लगातार कीड़ो के मिलने की जोंक निकलने की शिकायते आती रहती है। यहां रायपुर के 1017 सैंपल लिए गए जिसमें 40 वार्ड का पानी दूषित है।
रायपुर के अलावा महासमुंद शहर वार्डो में भी पानी की जांच के लिए सैंपल लिए गए थे। जिसमें कुल 38 वार्डों के पानी के सैंपल लिए गए थे जिसमें 15 जगहों के सैंपल दूषित है। लोगों में ज्यादातर बीमारीयों का कारण दुषित पानी ही है।
रायपुर में लगातार पानी के दूषित होने की खबरें आती रहती है। इसके बावजूद नगर निगम खामोश बैठा रहता है। कुछ समय पहले बीरगांव नगर निगम के पानी में जोंक पाया गया था। उससे पहले निगम की पानी में कीड़े निकले थे। इसके बावजूद प्रशासन शांत बैठा है। बारिश के आते ही पानी के दूषित होने की शिकायते बढ़ जाती है कई बार खुली पाइपलाइन के कारण बारिश का पानी पीने वाले पानी में मिश्रित हो जाता है और एेसे ही पानी को पीकर लोग बीमार हो जाते हैं।