अवैध रूप से संचालित आधा दर्जन ईंटभट्ठे सील, मचा हडक़ंप
कोपरा सहित आसपास के गांवों में अवैध रूप से लाल ईंटों का निर्माण खुलेआम धड़ल्ले से चल रहा है। इस संबंध में बुधवार को पत्रिका में ‘नियमों को ताक पर रख लाल ईंटों का निर्माण’ शीर्षक से खबर प्रकाशित किया गया था। जिसके बाद राजस्व विभाग व खनिज विभाग हरकत में आया और संयुक्त टीम बनाकर बुधवार शाम को ही कोपरा पहुंचकर आधा दर्जन ईंटभट्ठों को सील कर दिया।
रायपुर
Published: May 27, 2022 04:51:13 pm
कोपरा. कोपरा सहित आसपास के गांवों में अवैध रूप से लाल ईंटों का निर्माण खुलेआम धड़ल्ले से चल रहा है। इस संबंध में बुधवार को पत्रिका में ‘नियमों को ताक पर रख लाल ईंटों का निर्माण’ शीर्षक से खबर प्रकाशित किया गया था। जिसके बाद राजस्व विभाग व खनिज विभाग हरकत में आया और संयुक्त टीम बनाकर बुधवार शाम को ही कोपरा पहुंचकर आधा दर्जन ईंटभट्ठों को सील कर दिया। इससे अवैध ईंटभ_ा संचालकों में हडकंप मच गया। संयुक्त टीम में तहसीलदार कृष्णामूर्ति दीवान, सहायक खनिज अधिकारी मृदुल गुहा, पटवारी जालन्धर भोई शामिल थे। वहीं इस टीम ने शुक्रवार को भी बाकी ईंटभट्ठों में दबिश देकर जांच करने की बात कही है।
बुधवार देर शाम तक की गई कार्रवाई में रेखन चक्रधारी, कमलेश्वर सिन्हा, दिनेश साहू, भोज साहू, श्रवण नगारची का शासकीय जमीन में ईंटभ_ा संचालित होना पाया गया। वहीं गौकरण साहू, जितेंद्र साहू का ईंटभट्ठा उनके निजी जमीन में पाया गया। जहां बड़े पैमाने पर ईंट निर्माण कर पकाया जा रहा था। जिस पर कार्रवाई करते हुए सभी भट्ठों को सील कर दिया गया है। ज्ञात हो कि इन अवैध ईंटभट्ठों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने से संचालकों के हौसले बुलंद थे। वे बिना कोई प्रशासन से अनुमति के ईंटभ_ा संचालित कर मोटी रकम में ईंट बेच रहे थे।
ईंटभट्ठा संचाल निजी जमीन के साथ- साथ शासकीय जमीन पर भी बेधडक़ ईंट निर्माण कर रहे थे। फलस्वरूप भट्ठे की आग से जमीन बंजर होती जा रही है। साथ ही ईंट पकाने के लिए बेशकीमती हरे-भरे पेड़ों की भी कटाई की जा रही थी। कुछ लोग शासकीय भूमि से मिट्टी खोदकर कच्चे ईंट निर्माण कर मोटी रकम में बेच रहे थे। जिसे खरीदने वाले शासकीय जमीन पर भ_ा तैयार कर कच्ची ईंटों को पकाकर बेचने के अवैध कारोबार में संलिप्त हैं।
शासकीय जमीन पर बड़े पैमाने पर ईंट निर्माण किए जाने से जमीन खेत का शक्ल ले लिया है। जिसे यही ईंट भट्ठा संचालक अवैध कब्जा कर कुछ वर्षों बाद फसल लेना शुरू कर देते हैं। क्षेत्र के आसपास के प्रत्येक गांव में एक न एक ईंटभट्ठा धधक रहा है। इन भट्ठों से न केवल शासन को राजस्व की हानि हो रही ह, बल्कि आसपास का वातावरण भी प्रदूषित हो रहा है।
प्रतिबंध के बाद भी लाल ईंट का निर्माण
लाल ईंट बनाने पर पूर्ण रूप से प्रतिबंधित है। इसके बाद भी पैरी नदी किनारे में अवैध रूप से र्ईंटभ_े संचालित किए जा रहे हैं। ईंटों को पकाने के लिए अधिकांश भ_ा संचालक हरे-भरे पेड़ों का इस्तेमाल कर रहे हैं। वहीं, लाल ईंट बनाने के लिए काफी मात्रा में पानी की जरूरत होती है, जो कृषि बोर पंप और नदियों से लिया जाता है। क्षेत्र में ज्यादातर ईंटभट्ठा नदी या तालाब किनारे ही संचालित हैं।

अवैध रूप से संचालित आधा दर्जन ईंटभट्ठे सील, मचा हडक़ंप
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