बतादें कि अंतागढ़ टेपकांड में पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने 14 फरवरी को अग्रिम जमानत के लिए न्यायाधीश विवेक कुमार वर्मा की कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। इस मामले में कांग्रेस की पूर्व महापौर किरणमयी नायक ने पंडरी थाने में पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी, पूर्व मंत्री राजेश मूणत, पूर्व विधायक अजीत जोगी, पूर्व विधायक मंतूराम पवार, पूर्व मुख्यमंत्री के दामाद डॉ. पुनीत गुप्ता के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई थी।
पूर्व मंत्री राजेश मूणत की ओर से पैरवी करते हुए पूर्व उप महाधिवक्ता रमाकांत मिश्रा ने कोर्ट में कहा, मूणत पर कोई अपराध नहीं बनता है। यह मामला 2014 का है। इस मामले में एफआईआर भी विलंब से दर्ज हुई। उन्होंने दलील पेश करते हुए कहा कि मूणत के खिलाफ दर्ज एफआईआर में कोई एविडेंस नहीं है। इस वजह से भष्ट्राचार अधिनियम 9,13 के तहत मूणत के खिलाफ कोई भी अपराध नहीं बनता।
रमाकांत मिश्रा ने कोर्ट से मूणत के खिलाफ दर्ज एफआईआर में अग्रिम जमानत की मांग करते हुए कहा, ऑडियो टेप में मूणत की कोई आवाज नहीं है, उन्हें राजनीतिक दुर्भावना के तहत फंसाया जा रहा है। वहीं शासन की ओर से पैरवी कर रहे अतिरिक्त महाधिवक्ता सतीशचंद्र वर्मा ने राजेश मूणत के अग्रिम जमानत का विरोध करते हुए कहा, मूणत पूरे मामले के साजिशकर्ता थे। कोर्ट में दोनों पक्षों के बीच लगभग डेढ़ घंटे तक जमानत याचिका पर बहस हुई।
हालांकि कोर्ट ने दोनों सभी की दलील सुनने के बाद कहा अग्रिम जमानत दिए जाने की असमान्य स्थिति अभी नहीं दिखती, प्रकरण विचाराधीन है, विवेचना जारी है।