रायपुर

Raksha Bandhan 2021: रक्षाबंधन के दिन भाई की कलाई पर बांधे इन 5 चीजों से बनी वैदिक राखी और जरूर करें इस मंत्र का जप

Raksha Bandhan 2021: रक्षाबंधन के दिन बहनों को भाई की कलाई पर वैदिक विधि से बनी राखी जिसे असल में रक्षासूत्र कहा जाता है बांधी जानी चाहिए। जानिए कैसे बनाए वैदिक राखी (Vedic Rakhi)।

रायपुरAug 22, 2021 / 07:58 am

Ashish Gupta

Raksha Bandhan 2021: रक्षाबंधन के दिन भाई की कलाई पर बांधे इन 5 चीजों से बनी वैदिक राखी और जरूर करें इस मंत्र का जप

रायपुर. Raksha Bandhan 2021: रक्षाबंधन त्यौहार इस वर्ष 22 अगस्त को है। राखी बांधने में इस बार भद्रा नक्षत्र बाधक नहीं बनेगी और बहनों को मुहूर्त का इंतजार नहीं करना होगा। ज्योतिष गणना के अनुसार 474 साल बाद गजकेसरी योग और धनिष्ठा नक्षत्र में रक्षाबंधन मनाया जाएगा जो फल देने वाले हैं। लेकिन क्या आपको मालूम है कि रक्षाबंधन के दिन बहनों को भाई की कलाई पर वैदिक विधि से बनी राखी जिसे असल में रक्षासूत्र कहा जाता है बांधी जानी चाहिए।

कैसे बनाए वैदिक राखी
सबसे अच्छी बात यह है कि आप इसे घर पर भी बना सकते हैं। आइए जानते हैं वैदिक राखी बनाने की विधि। वैदिक राखी बनाने के लिए सबसे पहले एक छोटा-सा ऊनी, सूती या रेशमी पीले कपड़े का टुकड़ा लें, दुर्वा, अक्षत (बिना टूटे चावल का), केसर या हल्दी, शुद्ध चंदन, सरसों के साबूत दाने या पिसी हल्दी। इस पांच चीजों को मिलाकर कपड़े में बांधकर सिलाई कर दें। फिर कलावे से जोड़कर राखी का आकार दें। सामर्थ्य हो तो उपरोक्त पांच वस्तुओं के साथ स्वर्ण भी डाल सकते हैं।

राखी बांधते समय करें इस मंत्र का उच्चारण
दुर्ग जिला के पं. कृष्णकुमार तिवारी ने बताया कि वैदिक राखी में डाली जाने वाली वस्तुएं हमारे जीवन को उन्नति की ओर ले जाने वाले संकल्पों को पोषित करती है। वैसे यह वैदिक रक्षासूत्र वैदिक संकल्पों से परिपूर्ण होकर सर्व मंगलकारी है। रक्षासूत्र बांधते समय यह श्लोक बोला जाता है-येन बद्धो बली राजा दानवेंद्रों महाबला: तेन त्वां अभिबंध्नामि, रक्षे मा चल मा चल

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इस मंत्रोच्चारण व शुभ संकल्प सहित वैदिक राखी बहन अपने भाई को, मां अपने बेटे को, दादी अपने पोते को बांध सकती है। यही नहीं, शिष्य भी यदि इस वैदिक राखी को अपने सद्गुरु को प्रेमसहित अर्पण करता है तो उसकी सब अमंगलों से रक्षा होती है भक्ति बढ़ती है।
इस दिन सुबह 6.16 मिनट से शाम 5.31 तक रक्षाबंधन के लिए शुभ मुहूर्त रहेगा। बताए गए समय के अनुसार ही रक्षाबंधन का पर्व मनाना शुभ है। सुबह 6.16 के पहले भद्रा और शाम 5.31 के बाद पूर्णिमा तिथि समाप्त हो जाएगी। इसलिए भद्रोतर पश्चात रक्षाबंधन का शुभ मुहुर्त पूर्णिमा तिथि के समाप्ति शाम 5.31 बजे तक रहेगा।

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रक्षाबंधन के पूरे दिन में विशेष चौघड़िया मुहूर्त इस प्रकार है

लाभ सुबह 8.57 से 10.31 तक, अमृत सुबह 1.31 से दोपहर 12.06 तक और शुभ दोपहर 1.41 बजे से दोपहर 3.15 बजे तक योग रहेगा। इस वर्ष रक्षाबंधन के लिए दिन भर पर्याप्त मुहूर्त रहेंगे।

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